नई दिल्ली। एडटेक कंपनी बायजू के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बायजू के चार निवेशकों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में उत्पीड़न और कुप्रबंधन से जुड़ा मुकदमा दायर किया। इन निवेशकों ने संस्थापक बायजू रवींद्रन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बतया कि बायजू के 4 निवेशकों ने एनसीएलटी की बेंगलुरू पीठ के समक्ष कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ दमन और कुप्रबंधन का मुकदमा दायर किया है। इसमें मुख्य कार्यपालक अधिकारी बायजू रवींद्रन सहित संस्थापकों को कंपनी चलाने में अयोग्य घोषित करने और नया निदेशक मंडल नियुक्त करने की मांग की गई है। इसके अलावा राइट्स इश्यू को अमान्य घोषित करने की भी मांग की गई।
इस बीच कंपनी ने जारी बयान में बताया कि बायजू के शेयरधारक कथित ‘कुप्रबंधन और विफलताओं’ को लेकर संस्थापक सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को बाहर करने के लिए कुछ निवेशकों के प्रस्ताव पर आज मतदान करने वाले हैं। हालांकि, बायजू रवींद्रन इस बैठक में भाग नहीं लेंगे। इससे एक दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) जांच के तहत बायजू के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर को नवीनीकृत’ किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की कवायद उन्हें विदेश जाने से रोकना है।
बायजू एक वैश्विक एड-टेक कंपनी है। यह भारत का सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन लर्निंग ऐप के साथ क्लास भी चलाती है। बायजू कक्षा एक से 12 (के-12) और देश के दो बड़े एग्जाम आईआईटी जेईई और यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शिक्षण कार्यक्रम मुहैया कराती है।
गौरतलब है कि एडटेक फर्म बायजू का मार्केट कैप एक समय 20 अरब डॉलर से अधिक था। यह भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की सबसे प्रमुख कंपनी थी, पिछले साल कंपनी को बड़े पैमाने पर घाटा हुआ, जिससे इसके बाजार मूल्यांकन में लगभग 90 फीसदी की गिरावट आई है।