कानपुर। कानपुर जनपद में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा की तराई में बसे चार गांवों का सम्पर्क बाढ़ की वजह से टूट गया है। बाढ़ की आशंका की वजह से कुछ परिवार सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। वहां के पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
बता दें कि गंगा बैराज से सिंहपुर गांव के बीच स्थित भगवानदीन पुरवा गांव की सड़कों पर पानी भर गया है। इस गांव के मुख्य मार्ग पर दो से तीन फीट पानी भर गया है और लगभग चालीस परिवार पूरी तरह बाढ़ से घिर चुके हैं।
हरिद्वार और नरोरा बैराज से भारी मात्रा में आ रहे पानी से कानपुर के कटरी गांव, शुक्लागंज के निचले मोहल्लों में बाढ़ खतरा बढ़ गया है। जल भराव के चलते बच्चें नहीं जा पा रहें है स्कूल, सड़कों में हुए जलभराव होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। चालीस परिवार संकट में हैं। अभी घरों की दहलीज तक पानी आ गया है। लगातार जलस्तर बढ़ने का खतरा भी मंडराने लगा है। सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहें है। चंदीपुरवा गांव की तरफ बढ़ रहे पानी को रोकने के लिए ग्राम प्रधान प्रीति निषाद के पति दिनेश ने जेसीबी लगाकर मिट्टी डलवाई और खाई बंधवाई। इससे फिलहाल गंगा का पानी गांव में घुसने से रुक गया है।
बैराज से 3.73 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज
बैराज से इस सीजन का रिकॉर्ड 3.73 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। सबसे बड़े खतरे की आशंका 19 अगस्त की सुबह को लेकर है। नरौरा बैराज से 3.05 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है जो यहां 19 को पहुंचेगा। हरिद्वार से भी 2.10 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है।
बैराज के अप स्ट्रीम में गंगा का जलस्तर 114.330 मीटर, डाउन स्ट्रीम में 114.130 मीटर और शुक्लागंज में 112.810 मीटर है। फिलहाल गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
जलस्तर बढ़ने से शुक्लागंज के रविदास नगर, इंद्रा नगर, शक्ति नगर, मनोहर नगर में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त गंगा के किनारे बसे गांव कर्बला, हुसैन नगर, शाही नगर, सैयद कंपाउंड, चंपा पुरवा, तेजी पुरवा, मनसुख खेड़ा में एक माह से बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिससे यहां के लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।