गाजियाबाद। जीडीए की रिक्त संपत्तियों को खरीदने में इस बार लोगों ने खासी दिलचस्पी दिखाई है। दो दिन की नीलामी प्रक्रिया में 42 संपत्तियां बेचकर जीडीए ने 142 करोड़ रुपये कमाए हैं। पहले ही सातवें आसमान पर पहुंच रहे जमीन के दामों के बीच खरीदारों ने उच्च बोली लगाकर आरक्षित दरों से लगभग दोगुने दाम में भी भूखंड खरीदे। शनिवार को जीडीए कार्यालय में आयोजित नीलामी की प्रक्रिया में विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े भूखंडों को खरीदने के लिए ग्राहक जुटे।
नीलामी की प्रक्रिया के पहले दिन शुक्रवार को हिंदी भवन में बोली लगाकर खरीदारों ने गोविंदपुरम के सभी 17 भूखंड अपने नाम किए। इससे प्राधिकरण को 20.72 करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है। एच ब्लॉक में महज 40 वर्गमीटर का भूखंड लगभग दो करोड़ रुपये में बिका। इस भूखंड का आरक्षित मूल्य 39 हजार रुपये वर्ग मीटर तय था, लेकिन बोली बढ़ते-बढ़ते 5.10 लाख रुपये तक पहुंच गई। इसके अलावा गोविंदपुरम के अन्य 16 भूखंड भी हाथों-हाथ बिक गए।
शनिवार को नीलामी के दौरान इंदिरापुरम योजना के 11 भूखंड, मधुबन बापूधाम योजना के आठ , प्रताप विहार योजना का एक, शास्त्रीनगर योजना का एक, यूपी बॉर्डर चिकंबरपुर के दो, वैशाली योजना के दो भूखंडों की नीलामी हुई। जिससे प्राधिकरण को 118.36 करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान है। जीडीए के अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि मधुबन बापूधाम योजना में 4500 वर्गमीटर के औद्योगिक भूखंड का आरक्षित मूल्य 28 हजार रुपये रखा गया था, जबकि बोली के माध्यम से इसे 41200 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से बेचा गया है।
इसी तरह प्रताप विहार योजना में 2800 वर्ग मीटर के ग्रुप हाउसिंग भूखंड की बोली 54 हजार रुपये से शुरू हुई और 72 हजार रुपये तक पहुंच गई। इस तरह दो दिन में लगभग 142 करोड़ रुपये की आय जीडीए को प्राप्त होगी। नीलामी की प्रक्रिया में सहायक अभियंता, लेखाकार, वरिष्ठ लिपिक के साथ प्राधिकरण के अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।