नई दिल्ली। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि अक्टूबर-नवंबर में कुछ क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने से चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5-7 फीसदी की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर संभव है। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही के 5.4 फीसदी जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को आगे चलकर संशोधित भी किया जा सकता है, क्योंकि मौजूदा अनुमान मौसमी रूप से समायोजित नहीं हैं।
मुख्य आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन ने नई दिल्ली में भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) के ‘भारत@100 शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए यह बात कही। “भारत के आर्थिक परिवर्तन को सशक्त बनाना” विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने आर्थिक परिवर्तन के महत्व को रेखांकित किया।
डॉ. नागेश्वरन ने अपने संबोधन में आधुनिक राजमार्गों, नई ट्रेनों और तेज़ टोल प्रोसेसिंग के साथ आपूर्ति बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार सहित सरकारी नीतियों के ठोस परिणामों पर भी जोर दिया।
उल्लेखनीय है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर सात तिमाहियों के निम्नतम स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में यह 6.7 फीसदी रही थी। इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जो कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक सर्वेक्षण में लगाए गए 6.5-7 फीसदी के अनुमान से अधिक है।