नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नवगठित मोदी सरकार के पहले आम बजट को भविष्य उन्मुख और सुधारों को आगे बढ़ाने वाला होने का संकेत देते हुए आज लगा कि इसमें कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे जो भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की ओर ले जायेंगे।
राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है। गत 10 वर्षों में भारत 11वें स्थान से उठकर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में महामारी और संघर्षों के बावजूद भारत तीव्र विकास दर को हासिल करने में सक्षम रहा है। यह पिछले 10 वर्षों में राष्ट्रीय हित में किए गए सुधारों और निर्णयों के कारण संभव हुआ है। आज भारत वैश्विक विकास में 15 प्रतिशत का योगदान देता है। मेरी सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है।”
उन्होंने कहा कि देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है। लोगों ने तीसरी बार इस सरकार पर भरोसा जताया है। लोग जानते हैं कि केवल यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है। अट्ठारहवीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक लोकसभा है। इस लोकसभा का गठन अमृत काल के शुरुआती वर्षों में हुआ था। यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी।
उन्होंने कहा कि आगामी सत्रों में यह सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य की सोच का प्रभावी दस्तावेज होगा। बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे। रिफंड में और तेजी लाने के उपाय होंगे ताकि लोगों के पास व्यू के लिय अधिक साधन हो सके।
उन्होंने कहा “मेरी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3.20 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है। आज का भारत अपनी मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है।”
श्रीमती मुर्मु ने कहा , “आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है। इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को एकीकृत कर रही है। भारत की पहल पर पूरी दुनिया ने साल 2023 में अंतरराष्ट्रीय बाजरा दिवस मनाया है। हाल ही में पूरी दुनिया ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया है।”