गाजियाबाद। भारत में जर्मन राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने शुक्रवार को भारत के प्रथम आरआरटीएस कॉरिडोर के दौरे के दौरान नमो भारत ट्रेन में यात्रा का आनंद लिया। इस मौके पर एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल भी उनके साथ थे। दौरे पर एकरमैन का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और एनसीआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें परियोजना के बारे में जानकारी दी।
डॉ. एकरमैन ने साहिबाबाद से दुहाई डिपो आरआरटीएस स्टेशन तक नए युग की पारगमन प्रणाली नमो भारत ट्रेन में तेज़, सुरक्षित और विश्वसनीय यात्रा का अनुभव किया। उन्होंने आरामदायक क्षेत्रीय आवागमन के लिए सोच-समझकर डिज़ाइन किए गए आरआरटीएस स्टेशनों पर यात्री-केंद्रित सुविधाओं और नमो भारत ट्रेनों की विशेषताओं की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने परिवहन क्षेत्र में सतत विकास की दिशा में आरआरटीएस को सबसे हरित साधनों में से एक बनाने के प्रयासों की भी तारीफ़ की।
इस बीच उन्होंने दुहाई आरआरटीएस डिपो में अत्याधुनिक संचालन नियंत्रण केंद्र का भी जायजा लिया, जहां एनसीआरटीसी की टीम ने भारत में अपनी तरह की इस पहली परियोजना के लिए अपनाई जा रही कई अभूतपूर्व तकनीकों से उन्हें रूबरू करवाया।
डॉ. एकरमैन ने इस बड़े पैमाने की जटिल परियोजना के समय से कार्यान्वयन के लिए भी एनसीआरटीसी के प्रयासों की प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने भारत के प्रथम आरआरटीएस आरआरटीएस कॉरिडोर के कुशल संचालन के लिए एनसीआरटीसी और डॉयचे बान (डीबी) की भारतीय सहायक कंपनी के बीच भारत-जर्मनी साझेदारी की भी सराहना की।
जर्मन राजदूत की यात्रा, भारत और जर्मनी के बीच सतत परिवहन और बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग को दर्शाती है। इस यात्रा का समापन दुहाई स्थित आरआरटीएस डिपो में वृक्षारोपण के साथ हुआ।