नयी दिल्ली। विपक्ष ने कहा है कि सरकार ने मध्यम वर्ग पर और गरीबों पर कर का बोझ डाल कर उनके जीवन को कठिन बना दिया है, जबकि अमीरों को कर में राहत देकर गरीबी तथा अमीरी के बीच की खाई को बढ़ाने का काम किया है।
लोकसभा में कांग्रेस के डॉ. अमरसिंह ने वित्त विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार ने बजट में गरीबों, नौकरी पेशा वाले लोगों तथा मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं दिया है, जबकि अमीरों को खूब राहत देने का काम किया है। वित्त विधेयक को देखकर लगता है कि सरकार की मंशा आम आदमी से एक-एक पैसा वसूल करना तथा अमीरों को कर से छूट देने की है।
उन्होंने कहा कि सरकार व्यक्तिगत स्तर के कर को ऊपर ला रही है और कारपोरेट टैक्स को नीचे ले जा रही है। पिछले दस साल में अमीरों के कर कम हुए हैं जबकि आम आदमी पर टैक्स का बोझ लादा गया है। कर से बचने के लिए मध्यम वर्ग का व्यक्ति बचत करके जो उपाय करता था उसकी सीमा को खत्म कर दिया गया है, यहां तक कि गृह ऋण में मिलने वाले कर को भी कम कर दिया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने वृद्धों को भी नहीं छोड़ा है और उनकी आय सीमा को भी घटा कर उन पर कर का शिकंजा कसा जा रहा है। पहले वृद्धों के लिए कर सीमा पांच लाख रुपए होती थी, लेकिन अब उसे घटाकर तीन लाख कर दिया है। उनका कहना था कि यदि बूढों की आय पर यह कर कम किया जाता और इसे पांच लाख रुपए ही रखा जाता तो इससे लोगों की खरीद क्षमता बढती और इसका सीधा लाभ देश को होता इसलिए उनकी सीमा को पहले की तरह ही रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार खुद को किसानों का हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन इसमें सच्चाई नहीं है और उसके काम किसानों के हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सच में देश के किसानों की हितैषी है और उनका हित करना चाहती है तो उसे किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए तत्काल कानून बनाने की घोषणा करनी चाहिए।
भाजपा के निशिकांत दुबे ने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार देश को आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने काॅरपोरेट में टैक्स कम किया है क्योंकि सरकार चाहती है कि उद्योगों को निवेश के लिए आमंत्रित और प्रोत्साहित किया जाय इस मकसद से उनके टैक्स को कम किया गया है इसलिए विपक्ष का यह आरोप गलत है कि काॅरपोरेट टैक्स कम किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एंजल टैक्स को खत्म कर बच्चों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का काम किया है, लेकिन विपक्ष इसको लेकर सरकार पर लगातार हमला कर रहा है जो गलत है। उन्होंने कहा कि 32-33 लाख करोड़ रुपए का जो टैक्स आता है वह देश की कंपनियों के जरिए ही देश को मिलता है। विपक्ष के नेता जिस उद्योगपति को लेकर सरकार को बराबर घेरने का प्रयास करते हैं उससे चार लाख करोड़ रुपए टैक्स देश को मिलता है।