नई दिल्ली। किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार लगातार किसानों से बातचीत कर रही है और कई दौर की बातचीत में कुछ मांगों पर सहमति भी बनती दिखाई दे रही है। इस दौरान सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री किसानों से अपील भी करते दिखाई दे रहे हैं कि सभी मुद्दों का हल बातचीत से ही निकलेगा।
गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने पत्रकारों से कहा, “पंजाब में किसान संगठनों के साथ कई दौर की सार्थक बातचीत हुई है। हम वार्ता से समाधान निकालेंगे। सरकार किसानों के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, हम फिर से बात कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि यह देश हम सब का है और हर समस्या का हल निकाला जा सकता है। किसानों के दो दिन तक दिल्ली कूच को स्थगित करने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी कई दौर की वार्ता हुई है और सार्थक भी रही है। कई मुद्दे और कई मांगें ऐसी हैंं, जिन पर और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है और हर साल 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में पहुंचते हैं। यह किसानों के सम्मान और उनकी ज़रूरतोंं को पूरा करने के लिए होता है।
कृषि मंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में 333 मिलियन टन तक हमारा अनाज उत्पादन बढ़ा है। इसके साथ ही सब्जियों की खेती समेत अन्य क्षेत्रों में लगातार विकास हुआ है और बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने बताया कि खादी उद्योग भी किसानों से जुड़ा है। उसका भी टर्नओवर 1 लाख 35 हजार करोड रुपए हो गया है। हम लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं। चौथे दौर की बातचीत में भी हमने किसानों से कहा था कि आप हमसे हुई बातचीत को आपस में समझ कर हमें बताइए, हम फिर से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
किसानों ने कहा था कि वह अपने सभी संगठनों से बातचीत करके फिर सरकार को बताएंगे। कुछ संगठनों ने सहमति नहीं दी होगी। इसके बावजूद हम वार्ता के लिए फिर तैयार हैं।