चरखी दादरी। हरियाणा के चरखी दादरी में परिवार द्वारा सताए जाने से आहत होकर बुजुर्ग पति-पत्नी ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। इनका पोता एक आईएएस अधिकारी है। पुलिस ने वारदात के बाद उनके एक बेटे, दो पुत्र वधू और एक भतीजे के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
सुसाइड नोट में लिखा है कि- मेरे बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन हमें देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। मृतक पति पत्नी की पहचान जगदीशचंद्र आर्य (78) और भागली देवी (77) के तौर पर हुई है। दोनों मूल रूप से गांव गोपी के रहने वाले हैं और फिलहाल अपने बेटे के पास बाढड़ा में रह रहे थे।
बीती रात को ढ़ाई बजे के करीब बाढड़़ा में अपने बेटे वीरेंद्र के मकान पर जहरीला पदार्थ खा लिया। परिजनों को इसका पता चला तो डायल 112 पर काल कर पुलिस को बुलाया गया। बाद में बाढड़ा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। शवों को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस छानबीन कर रही है। दोनों अपने बेटे वीरेंद्र के पास रहते थे और वीरेंद्र का बेटा विवेक आर्य 2021 बैच का आईएएस अधिकारी है।
सुसाइड नोट में जगदीश चंद्र ने लिखा है कि- मैं जगदीश चंद्र आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं। मेरे बेटों के पास बाढड़़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उन के पास मुझे देने के लिए दो रोटी नहीं हैं। मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था। 6 साल पहले उसकी मौत हो गई। कुछ दिन उसकी पत्नी ने उसे रोटी दी, लेकिन बाद में उसने गलत काम धंधा करना शुरू कर दिया। मेरे भतीजे को अपने साथ ले लिया।
आर्य समाज को दें मेरी संपत्ति
मेरी सुनने वालों से प्रार्थना है कि इतना जुल्म मां-बाप पर नहीं करना चाहिए और सरकार और समाज इनको दंड दे। तब जाकर मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। मेरी जमा पूंजी बैंक में दो एफडी और बाढड़़ा में दुकान है वो आर्य समाज बाढड़ा को दी जाए।
पीटकर घर से निकाला
मैने इसका विरोध किया तो उनको यह बात अच्छी नहीं लगी। क्योंकि मेरे रहते हुए वे दोनों गलत काम नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने मुझे पीटकर घर से निकाल दिया। मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा और फिर आया तो इन्होंने मकान को ताला लगा दिया। इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा आया और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे। अब उन्होंने भी रखने से मना कर दिया और मुझे बासी आटे की रोटी और दो दिन का दही देना शुरू कर दिया। ये मीठा जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली। मेरी मौत का कारण मेरी दो पुत्रवधु, एक बेटा व एक भतीजा है। जितने जुल्म इन चारों ने मेरे ऊपर किया, कोई भी संतान अपने माता-पिता पर न करे।