नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर करारा हमला बोलते हुए कहा है कि सदन में अगर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होती तो घमंडिया गठबंधन की पोल खुल जाती, इसलिए वोटिंग के डर से विपक्ष पहले ही सदन से भाग गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में हो रहे क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि अभी दो दिन पहले ही देश की संसद में उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी हराया और देशभर में फैलाई जा रही नेगेटिविटी के सिलसिले का भी करार जवाब दिया।
उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर राजनीतिक हमला बोलते हुए कहा कि हालत यह थी विपक्ष के लोग बीच चर्चा के दौरान ही सदन छोड़कर भाग गए, सदन से चले गए, बहानेबाजी कुछ भी की हो लेकिन सच्चाई ये थी कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गए थे, वे नहीं चाहते थे कि वोटिंग हो, क्योंकि अगर वोटिंग होती तो इस घमंडिया गठबंधन की पोल खुल जाती। कौन किसके साथ है – यह दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है। इसलिए बचने के लिए ये सदन से भाग गए।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के लोग सदन से भाग गए, ये पूरे देश ने देखा है। लेकिन दुखद बात यह है कि इन लोगों ने मणिपुर के लोगों के साथ इतना बड़ा विश्वासघात किया। संसद सत्र प्रारंभ होने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं पत्र लिखकर कहा था वे मणिपुर पर विस्तार से चर्चा चाहते हैं, लेकिन विपक्ष मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहता था, क्योंकि उन्हें पता था कि मणिपुर का सच सबसे ज्यादा उन्हें चुभेगा।
उन्होंने देश से बड़ा अपने दल को मानते हुए मणिपुर पर तो चर्चा नहीं की, बल्कि अविश्वास प्रस्ताव के बहाने राजनीति करने की कोशिश की। उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मणिपुर की सच्चाई जनता के बीच जाकर बताने को कहा। उन्होंने आगे कहा कि देश में पिछले 50 वर्ष से गरीबी हटाओ का नारा सुनते आए हैं, लेकिन जिन्होंने ये नारा दिया वो कभी गरीबी नहीं हटा पाए। जो काम 5 दशकों में नहीं हो सका, वो काम भाजपा सरकार ने इतने कम समय में करके दिखाया है।
हमने ( भाजपा सरकार) सामान्य लोगों के जीवन की मूलभूत कठिनाइयों को कम किया है। पिछले 9 वर्षों में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में 31 मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, नार्थ-ईस्ट में भी मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है। शिक्षा के क्षेत्र में भी पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर, उड़ीसा, झारखंड और बिहार में उच्च शिक्षण संस्थान खोले गए हैं। पूर्वी और पूर्वोत्तर के राज्यों में करीब 2 लाख करोड़ के 150 से ज्यादा प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, 14.5 लाख करोड़ के लगभग 1,250 प्रोजेक्ट्स पर आज तेजी से काम चल रहा है।