Monday, May 6, 2024

उप्र में ‘हर बच्चे के लिए हर अधिकार’ अभियान की हुई शुरुआत

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में छात्रों के लिए समानता की पक्षधर योगी सरकार अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को एक समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में शनिवार से समानता और समावेशन थीम पर आधारित ‘हर बच्चे के लिए हर अधिकार अभियान’ की शुरुआत की गई।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पावर एंजिल एवं बाल संसद के नेतृत्व में 25 नवंबर तक प्रतिदिन विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम की मुख्य थीम ‘‘लैंगिक समानता: सभी छात्र-छात्राओं के लिए समान अवसर, देखभाल और समर्थन: परिवारों, घरों, स्कूलों, खेल, करियर, स्वास्थ्य देखभाल और बाल संरक्षण सुविधाओं, समुदाय और सार्वजनिक जीवन में हर बच्चे के लिए चौंपियन बनें’’ पर आधारित है।

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प्रवक्ता ने बताया कि अभियान के तहत आयोजित होने वाली प्रमुख गतिविधियों में शनिवार को विद्यालय स्तर पर शिक्षक, छात्र, अतिथि वक्ता-अधिकारियों, विशेषज्ञों द्वारा थीम और राज्य सरकार और भारत सरकार द्वारा बनाए गए बच्चों के लिए कानूनों, योजनाओं और लाभों पर चर्चा की गई। 20 नवंबर को मनोरंजन के साथ सीखें, बाल अधिकार विषय पर प्रश्नोत्तरी, कहानी, कविता, नारा, वाद-विवाद, विज्ञान-परियोजना, हस्तशिल्प, गीत, नृत्य, नाटक आदि का आयोजन होगा।

इसी तरह 21 नवंबर को खेलने का अधिकार, खेल दिवस का आयोजन, इंडोर, आउटडोर खेल, बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता की जांच जैसी गतिविधियां होंगी। 22 नवंबर को मीना मंच, पावर एंजल्स के नेतृत्व में स्कूल एवं समुदाय में नुक्कड़-नाटक, छात्र पुलिस कैडेट, स्काउट्स और गाइड से संबंधित कार्यक्रम होंगे। 23 नवंबर को माता-पिता और समुदाय के लिए बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग, शिल्प की प्रदर्शनी, बाल मेला, बाल अधिकार उत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन, करियर पोर्टल, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श एवं साइबर सुरक्षा का मॉकड्रिल जैसी गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

विशेषज्ञ साझा करेंगे अपने अनुभव

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार 24 नवंबर को बच्चों के लिए फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। हर दिन एक अच्छी प्रेरणादायी फिल्म दिखाई जाएगी। बच्चों को प्रेरित करने के लिए अपनी यात्रा, उपलब्धियों के बारे में साझा करने के लिए एक अतिथि वक्ता अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस अधिकारी, खिलाड़ी, लोकप्रिय कलाकार को आमंत्रित किया जाएगा। छात्रों के साथ पाठ का आयोजन किया जाएगा। शिक्षकों को इसके लिए सरल मॉड्यूल उपलब्ध कराया गया है। इसी तरह 25 नवंबर को छात्र प्रतिनिधि बाल संसद के सदस्यों तथा मीना मंच की टीम बनाकर बाल अधिकार, लिंग समानता, बाल सुरक्षा पर विद्यालय परिसर के अंदर तथा बाहर एक सर्वेक्षण कराया जाएगा, जिसमें ऐसे स्थानों को चिन्हित करेंगे जो बच्चों के लिए खतरा हों जैसे टूटे हुए स्विच बोर्ड, खुला हुआ सोखपिट, गड्ढे, खुले एवं गिरे हुए बिजली के तार, कटीली झाड़ियां, बिजली का खंभा, परिसर में जलभराव, असुरक्षित चहारदीवारी आदि स्थानों को सूचीबद्ध कर सुधारात्मक कार्यवाही के लिए प्रधानाध्यापक एवं ग्राम प्रधान को ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही एसएमसी, प्रधानाचार्य, अधिकारियों के साथ मुद्दों, सुझावों को साझा करेंगे तथा उन शिक्षकों, छात्रों, पीआरआई, नागरिकों को सम्मानित, पुरस्कृत करेंगे, जिन्होंने बाल अधिकारों की पैरवी की है।

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