वाराणसी। ज्ञानवापी मामले में तीन साल पुराने जमीन की अदला-बदली को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई टल गई। सिविल जज सीडी हितेश अग्रवाल की अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 18 अक्टूबर तय की है।
वादी बनारस बार के पूर्व महामंत्री अधिवक्ता नित्यानंद राय ने जमीन की अदला-बदली को गलत बताते हुए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की पूरी जमीन बाबा विश्वनाथ के नाम करने की मांग याचिका के जरिए की है। वादी की ओर से भेजी गई नोटिस उत्तर प्रदेश सरकार बजरिये जिलाधिकारी वाराणसी व मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को मिल गया है। परंतु कोई भी प्रतिवादी न तो अदालत मे हाजिर हुआ और न ही जवाबदेही दाखिल किया । वादी अधिवक्ता नित्यानंद राय ने बताया कि महानवमी और विजयादशमी पर्व पर कलेक्ट्रेट बंद होने के कारण नो एडवर्स का प्रस्ताव पारित था। ऐसे में अब 18 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
उन्होंने बताया कि ज्ञानवापी प्रकरण में यह नया मुकदमा इस मामले मे खास है कि इसमे अंजुमन इंतजामिया से ट्रस्ट द्वारा आपस में जमीन की अदला बदली को चुनौती दी गयी है। दावा में कहा गया है कि वादी आस्थावान हिंदू है। प्लाट नम्बर 8276 का स्वयं को मालिक बताते हुए अंजुमन इंतजामिया ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खरीदे गये भवन संख्या सी. के. 38/12,13 से अदला-बदली कर ली। अंजुमन ने सीके 31/19 को प्लाट नम्बर 8276 पर अवस्थित बताया । मगर इसका कोई प्रमाण भी नही दिया। अंजुमन ने कॉरिडोर को बनाने में हुए जल्दबाजी का फायदा उठाते हुये विनिमय यानी अदला बदली का षड्यंत्र रचा। जल्दबाजी में उत्तर प्रदेश सरकार व अंजुमन के बीच 10 जुलाई 2021 को उपनिबंधक द्वितीय के यहा अदला-बदली का निबंधन हुआ जो गलत हुआ।
अदला-बदली विलेख मे भवन संख्या सी के 31/19की चौहद्दी पूरब ,पश्चिम उत्तर दक्षिण में काशी विश्वनाथ मंदिर का उल्लेख है। अदालत से प्रार्थना किया है कि विनिमय प्रलेख 10.07.2021 शून्य घोषित किया जाय। तथा विश्वनाथ मंदिर परकोटे मे आने वाले सभी आराजीयात, 8276, 9130, 9131, 9132, 9133, 9134, 9135 मौजा शहर खास ,परगना देहात अमानत पर स्वामित्व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का घोषित किया जाय ।