वाराणसी। वाराणसी सहित पूर्वांचल के जिलों में बदले मौसम के चलते गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि से किसान चिंतित हैं। जनपद में रविवार शाम से शुरू हुई रिमझिम बारिश ने मूसलाधार बरसात का रुप ले लिया। सोमवार को सुबह भी यहां रिमझिम फुहार के रुप में बारिश ने अपनी उपस्थिति बनाये रखी। वहीं, जनपद चंदौली में सुबह भी तेज बारिश होती रही।
गरज-चमक संग तेज बीती रात रविवार को बारिश के साथ शहर और ग्रामीण अंचल के कई हिस्सों में ओलावृष्टि भी हुई। तेज हवाओं से जनपद में कई जगह पेड़ जड़ से उखड़ कर गिर गये, तो कई जगह पेड़ की डालियां टूट गई। आधी रात तक तेज बारिश होने से वाराणसी शहर के निचले हिस्सों अंधरापुल, लहुराबीर, रेलवे कॉलोनी, सिगरा, महमूरगंज, लहरतारा में कई जगह सड़कों ेंपर जलभराव भी हो गया। ओलावृष्टि से शहर के बरेका, लहुराबीर, बीएचयू परिसर में सड़क पर सन्नाटा पसर गया। तेज आंधी और मूसलाधार बारिश की वजह से गंगा पार टेंट सिटी की बिजली गुल हो गई। मौसम विशेषज्ञों ने बारिश और ओलावृष्टि की पहले ही जानकारी दे दी थी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बंगाल की खाड़ी से पुरवा हवाओं के आने के साथ ही राजस्थान के पूर्वी भाग में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता भी बनी हुई है। इस वजह से अगले तीन दिन तक मौसम ऐसे ही रहने की संभावना है।
मौसम के तेवर में बदलाव शुक्रवार बूंदाबांदी के बाद से ही हो गई थी। शनिवार भोर के बाद रविवार को भी बारिश ने अपनी मौजूदगी बनाये रखी। रविवार शाम से ही बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। रात लगभग नौ बजे के बाद तेज आंधी और आकाशीय बिजली के गर्जन के साथ तेज बारिश शुरू हो गई। तेज तूफानी हवाओं और बारिश से कई जगहों पर पेड़ों की डालियां टूटकर गिर गई, तो छतों पर रखा टीनशेड भी उड़ गया।
बारिश और तूफानी हवाओं के चलते ग्रामीण अंचल में गेहूं की फसल खेत में गिर गई। गेहूं के साथ दलहन और सब्जियों की फसल को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। चोलापुर के किसान संजय मौर्य ने बताया कि बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। पकने के कगार पर खड़ी गेहूं की फसल को बड़ा नुकसान पहुंचा हैं। खेतों में फसल के गिरने से अब दाने पतले हो जायेेंगे और उस पर कालापन भी दिखेगा।