यह ज्ञान सभी को है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। यदि आप व्यायाम नहीं कर पाते तो इतना अवश्य करना कि खुले स्थानों पर जहां ताजी हवा आती है वहां गहरे-गहरे श्वास लेना और खुलकर हंसना, क्योंकि हंसना भी बहुत अच्छा प्राणायाम है। जब आप खुलकर हंसते हैं तो शुद्ध वायु का संचार फेफड़ों में होता है।
प्राणायाम किसी प्रशिक्षित मार्ग दर्शक से सीखकर करना चाहिए। जब तक प्रशिक्षित मार्ग दर्शक न मिले, लम्बे-गहरे श्वास ले लेकर ही अपना कार्य चला लेना चाहिए। प्राणायाम में दबावमुक्त रहना चाहिए। गहरे श्वास लेते हुए गायत्री जाप से विशेष लाभ मिलता है। गायत्री जाप सोने पे सुहागा का कार्य करता है।
दिन-प्रतिदिन आप में निखार आता जायेगा, आप स्वयं को हल्का और स्वस्थ तो महसूस करेंगे ही, परमात्मा के प्रति भी आपका अनुराग बढ़ता जायेगा। आप परमात्मा के शरणागत हो जायेंगे।
ध्यान रहे, भगवान की शरण दुखों को मिटाती है। भगवान का सहारा लेने से इंसान दुखों से बचने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि साधक को यह जानने की शक्ति प्राप्त हो जाती है कि दुखों का कारण क्या है? दुख कहां से आ रहे हैं।