मेरठ। न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या 14 ने 33 वर्ष पुराने दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति, सास और ससुर को साक्ष्य नहीं होने पर बरी कर दिया। 1990 में मृतका कल्पना के घरवालों की ओर से थाना रेलवे रोड में मुकदमा दर्ज कराया गया था कि दहेज की मांग के चलते ससुर मूलचंद, सास उर्मिला और पति राजेश ने उसकी हत्या कर दी।
हालांकि मुकदमे की सुनवाई के दौरान ससुर मूलचंद और पति राजेश की मृत्यु हो गई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दहेज हत्या के आरोप में तीनों आरोपियों को बरी किया।
न्यायालय ने अपने आदेश में उल्लेखित किया कि कोई भी ऐसा साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद नहीं है, जिससे यह सिद्ध हो कि विवाहिता की हत्या दहेज की मांग को लेकर की गई थी। वहीं विवाहिता के परिजनों ने इस मामले में हाईकोर्ट जाने की बात कही है।