नई दिल्ली। शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को मराठा आरक्षण के मुद्दे को सूचीबद्ध होने के बावजूद ‘शून्यकाल’ के दौरान उठाने की अनुमति नहीं दिए जाने पर आश्चर्य जताया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
चतुवेर्दी ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मराठा आरक्षण पर मेरे शून्यकाल के प्रस्ताव पर मतदान होने और संसद के पहले दिन उठाए जाने के लिए सूचीबद्ध होने के बावजूद, मुझे यह कहते हुए इसे उठाने की अनुमति नहीं दी गई कि यह राज्य का विषय है।”
शिवसेना नेता ने कहा कि आरक्षण के इस मुद्दे को केवल संवैधानिक संशोधन से ही हल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “इसलिए संसद सही मंच है। फिर भी मुझे अपने राज्य के लोगों के लिए बोलने की इजाजत नहीं दी गई।” महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा कुछ महीनों से गरमाया हुआ है।