पटना। बिहार के आरा जिले से सामने आया यह मामला न केवल हैरान करने वाला है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में गंभीर चूक की ओर भी इशारा करता है। जिस महिला को चार साल पहले दहेज हत्या के मामले में मृत घोषित किया गया था, उसका जिंदा मिलना उस समय की जांच और पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े करता है। महिला के पहले पति और उसके ससुराल वालों ने इस दौरान जेल में चार साल की सजा काटी, और फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं। जब उन्हें पता चला कि जिनकी हत्या के आरोप में वे जेल में थे, वह महिला जिंदा है और किसी अन्य व्यक्ति के साथ शादी करके रह रही है, तो यह स्थिति उनके लिए बेहद झकझोर देने वाली रही होगी। इस घटना ने न केवल उनके जीवन को प्रभावित किया, बल्कि न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठाए हैं।
यह पूरा मामला भोजपुर जिले के चौरी थाना क्षेत्र के जनकपुरिया गांव का है। यहां के रहने वाले अवध बिहारी सिंह की बेटी धर्मशीला देवी की शादी साल 2015 में बहुआरा छपरा गाव के दीपक सिंह से हुई थी। शादी के कुछ समय तक सब ठीक चल रहा था। फिर पति-पत्नी में झगड़ा होने लगा।
पत्नी का कहना है कि पति बेहरमी से मारपीट करता था। इधर, महिला के पिता ने साल 2020 में बेटी की गुमशुदगी और दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया। इसी बीच सोन नदी के किनारे एक सड़ी-गली लाश मिली तो महिला के पिता ने उस लाश की पहचान अपनी बेटी के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने महिला के पहले पति और उसके परिवार वालों को गिरफ्तार कर लिया। तब से महिला का पति और उसके परिवार के लोग जेल में थे। अब चार साल बाद पुलिस ने महिला को मीरगंज से बरामद किया है।
जीवित मिली महिला ने बताया कि पति से तंग आकर वो अपने मायके आ गई। इसके कुछ दिनों बाद उसकी मां का निधन हो गया। फिर उसके पिता की गंदी नजर उस पर पड़ने लगी। धर्मशीला ने बताया कि रात को सोते समय पिता उसके बिस्तर पर आ जाते थे। उसे गलत तरीके से छूने लगते थे। इससे धर्मशीला दुखी हो गई। कोई ठिकाना नजर नहीं आया। इससे धर्मशीला ने आत्महत्या करने का फैसला किया फिर धर्मशीला आत्महत्या के लिए घर से निकल पड़ी। ट्रेन के सामने खड़ी हो गई। तभी एक राहगीर की नजर पड़ गई। उसने ट्रेन के आने के पहले ही महिला को काल के गाल से बचा लिया।
महिला ने कहा कि परेशान होकर हम अपने मायके आ गए. यहां दो महीने बाद मेरी मां मर गईं, उसके बाद पिता मेरे साथ गलत संबंध बनाने की कोशिश करने लगा. परेशान होकर हम बस से आरा आए और जिंदगी खत्म करने की सोच रही थी, तभी एक व्यक्ति ने आकर जान बचा ली और वह अपने घर ले गया. इसके बाद मंदिर में उससे शादी कर ली. इसके बाद हमारे एक बेटा और एक बेटी भी हुई.
एएसपी केके सिंह ने बताया कि चौरी थाने से जुड़ा एक मामला प्रकाश में आया है। साल 2020 में एक केस दर्ज हुआ था, जिसमें सोन नदी में डेड बॉडी मिली थी। उसकी पहचान घर वालों के द्वारा की गई थी कि वो हमारी बेटी है, लेकिन उस केस में अब ट्रायल भी हो चुका है और उसमें जो अभियुक्त थे, वे जेल भी गए थे। इसके बाद यह लड़की बरामद हुई है। आगे कोर्ट के आदेश पर जो भी कानूनी कार्रवाई होगी, उसका अनुपालन किया जाएगा। लड़की के द्वारा अपने पिता पर दुर्व्यवहार के आरोप के मामले के बारे में एएसपी ने कहा कि लड़की के बयान न्यायालय में कराया जाएंगे। जैसा भी तथ्य सामने आएगा, उस पर आगे की कानूनी प्रक्रिया की जाएगी।