भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं के बैंक खातों में 10 जून को एक-एक हजार रुपये डाले थे। यह राशि कई महिलाओं के खातों में पहुंची ही नहीं। इस पर सरकार की ओर से राशि अंतरित करने में आई बाधा को खत्म करने के प्रयास हो रहे हैं। राज्य के कुछ जिलों में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लाभार्थियों के बैंक खातों में अंतरित की गई राशि क्रेडिट नहीं होने की बात सामने आई है। न्यूनतम बेलेंस नही होने से सेवा शुल्क के रूप में बैंकों द्वारा राशि काटे जाने की आशंका व्यक्त की गई है, जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री जन धन योजना में खुले बैंक अकाउंट सहित बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट में न्यूनतम बैलेंस रखने की बाध्यता नहीं है। बैंक, इन अकाउंट पर सेवा शुल्क नहीं ले सकता।
संयुक्त संचालक महिला बाल विकास डॉ. विशाल नाडकर्णी ने बताया कि स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) ने निर्देश जारी कर निष्क्रिय खातों वाली लाड़ली बहनाओं के खाते, जन धन खातों में परिवर्तित करने की कार्यवाही के निर्देश भी दिये हैं, जिससे कि बहनों के खाते में अंतरित की गई राशि जमा हो सके।
डॉ. नाडकर्णी ने कहा है कि महिलाओं के बैंक खातों से न्यूनतम बैलेंस न होने के कारण बैंकों द्वारा राशि काटी गई है, ऐसे सभी प्रकरणों के लिये जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि इन महिलाओं के खातों के बेसिक सेविंग डिपाजिट अकाउंट में परिवर्तन किया जाएगा या फिर नवीन अकाउंट खुलवा कर डीबीटी सक्रिय किया जाएगा, जिससे उनके अकाउंट से राशि न कटे।