मुजफ्फरनगर। जनपद में भोपा रोड पर जबरदस्ती विद्युत टावर लगाने व फसल को नष्ट करने के मामले में पीडि़त ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी उमेश चन्द्र मिश्रा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और आगामी 25 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश होने के आदेश जारी कर दिए हैं।
पीडि़त नरेश पाल उर्फ नरेश चन्द व मोतीलाल भार्गव व अवनीश कुमार पुत्रगण मांगेराम निवासी जडौदा तहसील सदर, मुजफ्फरनगर गाटा संख्या 399 व 343 स्थित ग्राम जडौदा तहसील सदर जिला मुजफ्फरनगर की कृषि भूमि के मालिक काबिज व स्वामी है।
नरेश पाल उर्फ नरेश चन्द की ग्राम जडौदा में स्थित गाटा संख्या 399 व 343 भूमि में अधिशासी अभियन्ता विद्युत विभाग भोपा रोड मुजफ्फरनगर द्वारा 220 केवी विद्युत लाईन का निर्माण करने हेतु विधि विरूद्ध तरीके से जबरदस्ती नरेश पाल आदि की उपरोक्त भूमि पर खडी फसलों को जेसीबी से नष्ट कर पुलिस प्रशासन का डर दिखाकर विद्युत टॉवर नम्बर 14 का निर्माण कर विद्युत लाईन पीडि़त के चक के ऊपर से क्रॉस की और पीडि़त नरेशपाल आदि को उक्त भूमि पर टॉवर लगाने की न तो विद्युत विभाग द्वारा कोई सूचना दी गयी और न ही फसल को काटने हेतु समय प्रदान किया गया और न ही विद्युत अधिनियम 2003 में वर्णित प्रावधानों का ही पालन किया गया है.
उन्होंने बताया कि न ही विद्युत टॉवर लगाने हेतु भूमि एवं फसलों का मुआवजा ही दिया गया, जबकि पहले से 132 के.वी. विद्युत लाईन नरेशपाल आदि के चक से क्रॉस हो रही है और गाटा संख्या 399 में विद्युत लाईन का खम्भा भी लगा हुआ है, जिसके बावजूद नरेशपाल के चक से विद्युत लाईन क्रॉस करते हुए चक में 220 केवी विद्युत लाईन के निर्माण हेतु टॉवर नम्बर 14 का खम्भे का निर्माण किया गया और नरेशपाल आदि की भूमि पर लगाये गये विद्युत टॉवर एवं नष्ट की गयी फसलों का मुआवजा भी नही दिया गया।
पीडि़त नरेशपाल आदि मुआवजे की मांग किये जाने के बावजूद भी मुआवजा नहीं दिया और प्रार्थी नरेशपाल की भूमि पर विधि विरूद्ध तरीके से जबरदस्ती पुलिस प्रशासन का डर दिखाकर लगाये गये टॉवर व तोडी गयी फसलों का मुआवजा दिये जाने हेतु नई भूमि अर्जन अधिनियम 2०13 में वर्णित प्रावधानों के अन्तर्गत अवार्ड पारित नहीं किया गया है, जिसके प्रतिकर की मांग के लिए नरेशपाल आदि ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका संख्या 19122 सन् 2024 नरेशपाल उर्फ नरेश चन्द आदि बनाम स्टेट ऑफ यूपी आदि दायर की गयी।
उक्त रिट पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 26.7.2024 को सुनवाई करते हुए डीएम मुजफ्फरनगर को आदेशित किया गया कि नरेशपाल उर्फ नरेश चन्द के प्रार्थना पत्र 7.2.2024 पर सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करते हुए 6 सप्ताह के अंदर प्रार्थी नरेशपाल आदि के प्रार्थना पत्र का निस्तारण करते हुए प्रार्थीगण को मुआवजा दिया जावे।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश 26.7.2024 की प्रति के साथ पीडि़त नरेशपाल आदि ने 27.7.2024 को प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को प्रस्तुत किया था, परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद प्रार्थी नरेशपाल आदि ने पुन: 14.9.2024 को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी और उच्च न्यायालय के आदेश 26.724 का पालन नहीं किया गया, जिसके उपरांत प्रार्थी नरेशपाल आदि ने पुन: उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अपने अधिवक्ता सचिन धीमान के माध्यम से जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर के विरूद्ध उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा पारित आदेश 26.7.24 का पालन न करने पर अवमानना कार्यवाही करने हेतु अवमानना प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय इलाहाबाद में प्रस्तुत किया था।
नरेश पाल आदि के अवमानना प्रार्थना पत्र पर न्यायमूर्ति सलील कुमार राय, उच्च न्यायालय इलाहाबाद की खण्डपीठ ने 4.11.2024 को सुनवाई करते हुए उमेश मिश्रा जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर को नोटिस जारी करते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश 26. 7.24 का पालन न करने का कारण पूछा और अग्रिम तिथि 25 नवंबर को उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा जारी रिट संख्या 19122 सन् 24 में पारित आदेश 26.7.24 का पूर्ण पालन किया गया है या नहीं, के सम्बंध में हल्फनामा दाखिल करे, अन्यथा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अग्रिम तिथि 25 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश पारित किया है।