मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर का केमिस्ट कानून के फंदे में फंस गया। ढाई साल पहले प्रतिबंधित नशीली दवाओं की सप्लाई करने वाले दक्ष अरोरा समेत सात दोषियों को लुधियाना की अदालत ने 16 साल कारावास और प्रत्येक पर 1.60 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इनमें मुजफ्फरनगर के दो एवं मेरठ जिले के एक दोषी को सजा हुई है।
आपको बता दें कि मामला एक मार्च 2021 को पंजाब के लुधियाना जिले के थाना डाखा क्षेत्र का है। पुलिस ने दशहरा ग्राउंड से भारी मात्रा में बुलेट मोटर साइकिल पर प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई करने जा रहे लुधियाना निवासी सुखपाल सिंह को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने मुजफ्फरनगर के द्वारिका पुरी निवासी दक्ष अरोरा एवं नई मंडी थाना क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी प्रवीण कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पूछताछ में नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था। बचाव एवं अभियोजन पक्ष की दलील सुनने के बाद लुधियाना के अपर सत्र न्यायालय (विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट) अमरिंदर पाल सिंह ने सभी को दोषी करार दिया। प्रत्येक दोषी को 16-16 साल का कारावास एवं 1.60-1.60 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
लुधियाना की अदालत ने महत्वपूर्ण मामले में दो साल साढ़े सात महीने में फैसला सुनाया। मुजफ्फरनगर निवासी दक्ष अरोरा, प्रवीण कुमार, मेरठ के थाना नौचंदी के कोलनपुर निवासी विनय कुमार गुप्ता, लुधियाना निवासी सुखपाल सिंह और हनी सहगल, हरियाणा के अंबाला कैंट निवासी विशाल आनंद, पंजाब के संगरूर निवासी मनदीप सिंह को सजा का एलान किया। एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 एवं 29 में सभी का दोषी करार देते हुए सजा दी गई।
वही बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने सजा के प्रश्न पर कम करने के लिए विभिन्न तर्क प्रस्तुत किए। लेकिन न्यायाधीश ने अपराधियों के अपराध को गंभीर माना। कहा कि इस तरह के कृत्य से युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है और कॅरियर बर्बाद किया जा रहा है। नशीली दवाओं के अधिक सेवन से रोजाना युवाओं की जीवन की डोर टूट रही है। अपराध समाज हानिकारक है। भारी मात्रा में नशीली दवाओं की बरामदगी को गंभीर माना।
नशीली दवाइयों के अवैध कारोबार में शहर के दक्ष अरोरा ने बीते एक दशक में करोड़ों की दौलत कमाई थी। नई मंडी थाना क्षेत्र के द्वारिका पुरी निवासी दक्ष अरोरा पर तीन साल पहले कानून का शिकंजा कसा था। पंजाब पुलिस और नारकोटिक्स विभाग को एक बड़े मामले में कार्यवाही के दौरान मालूम हुआ कि मुजफ्फरनगर से नशीले केप्सूल, टैबलेट, सीरम और इंजेक्शन की आपूर्ति हो रही है। योजनाबद्ध तरीके से पुलिस ने जाल बिछाया। हिरासत में लिए एक आरोपी से दक्ष को फोन कराया और नशे में प्रयोग हो रहे कैप्सूल की डिमांड कराई। बेखबर दवा विक्रेता अपने गोदाम से संबंधित कैप्सूल की पेटियां लेकर आपूर्ति के लिए बताई जगह पहुंच गया और पुलिस ने उसे धर दबोचा।