शामली। जिले में दिव्यांग प्रमाण पत्र न बनने की समस्या को लेकर जिलाधिकारी से की गई अपील रंग लाई है। जांच के लिए संसाधनों की कमी से जूझ रहे दिव्यांगों को मेरठ मेडिकल कॉलेज भेजकर जांच कराई गई, जिससे प्रमाण पत्र जारी किए जा सकें। जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान ने पहले ही वादा किया था कि जरूरत पड़ी तो दिव्यांगजनों को अपने खर्च पर दूसरे जिले जांच के लिए भेजा जाएगा। शुक्रवार को डीएम ने यह वादा निभाते हुए करीब नौ दिव्यांगजनों को दो निजी वाहनों से मेरठ भिजवाया।
मुज़फ्फरनगर में महिला के पेट में ही हुई बच्चे की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ लिखाया मुकदमा
बता दें कि लगभग 10 दिन पहले दर्जनों दिव्यांग जन अपनी समस्याओं को लेकर शामली कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। उन्होंने डीएम को बताया कि जिला अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिससे उन्हें लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया था कि यदि स्थानीय स्तर पर व्यवस्था नहीं हो पा रही है तो वे खुद के खर्च पर दिव्यांगों को मेरठ या नोएडा भिजवाएंगे।
मुजफ्फरनगर में कलयुगी बेटे ने जिसकी अंगुली पकड़कर चलना सीखा, उसकी ही बेरहमी से की हत्या
अपने वादे के अनुसार, डीएम ने शुक्रवार को जिले के विभिन्न गांवों से नौ दिव्यांगजनों को कलेक्ट्रेट बुलवाया और उन्हें उनके परिजनों सहित दो निजी वाहनों से मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया। वहां विशेषज्ञों की जांच के आधार पर आगे शामली में ही प्रमाण पत्र तैयार किए जाएंगे।
मुज़फ्फरनगर में परिवार गया डॉक्टर के यहां, चोरों ने घर से उड़ा लिया लाखों का माल
जिलाधिकारी की इस पहल से दिव्यांगजनों में उत्साह और संतोष का माहौल है। वे डीएम को दिल से धन्यवाद देते नजर आए और प्रशासनिक संवेदनशीलता की सराहना की।