ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 4378 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है। औद्योगिक विकास आयुक्त व नोएडा- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में 21 अप्रैल को संपन्न बोर्ड बैठक में इस पर मुहर लग गई है।
इस बार के बजट में सर्वाधिक जोर लोन चुकाने के साथ ही जमीन अधिग्रहण और इंफ्रास्ट्रक्च र को विकसित करने तथा गांवों व सेक्टरों के विकास कार्यों पर रहेगा। विगत वर्ष 5103 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते 1440 करोड़ रुपये ही खर्च हो सका। इसे देखते हुए ही वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट तैयार किया गया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में ग्रेटर नोएडा के प्रति औद्योगिक निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। तमाम निवेशक उद्योग लगाने के लिए जमीन मांग रहे हैं। उनको जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्राधिकरण लगातार प्रयासरत है। इस वजह 2023-24 के बजट में जमीन अधिग्रहण और इंफ्रास्ट्रक्च र पर अधिक जोर दिया जा रहा है। जमीन अधिग्रहण पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का लक्ष्य है। प्राधिकरण इस साल इंफ्रास्ट्रक्च र बढ़ाने पर भी विशेष फोकस कर रहा है। इसके लिए लगभग 1244 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। इस साल गावों के विकास पर 287 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है, जो कि पिछले साल 239 करोड़ रुपये था। जेवर एयरपोर्ट के लिए भी 450 करोड़ रुपये बजट रखा गया है।
विगत वर्ष यह धनराशि 350 करोड़ रुपये थी। ग्रेटर नोएडा की दो प्रमुख सड़कों के विकास के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। हिंडन ब्रिज के निर्माण के लिए 30 करोड़, गौतमबुद्ध विवि के लिए 41.50 करोड़ रुपये की धनराशि बजट में स्वीकृत की गई है। सेक्टरों में सामुदायिक केंद्रों को विकसित करने पर 20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा में नए बिजलीघरों के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है। विगत वर्ष इस मद में 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृति की गई थी। ग्रेटर नोएडा के शहरी एरिया के रखरखाव पर लगभग 704 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो कि विगत वर्ष से 214 करोड़ रुपये अधिक है। इस साल प्राधिकरण को लगभग 4378 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति की उम्मीद है, जिसमें 1500 करोड़ रुपये का लोन और आवंटियों से प्राप्त होने वाली रकम के साथ भी शामिल है।
इस बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास नरेंद्र भूषण, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह, एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अमनदीप डुली, एसीईओ आनंद वर्धन आदि अधिकारागण मौजूद रहे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूंजीगत कार्यों पर करीब 575 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है। यह धनराशि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण, शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण, ग्रेटर नोएडा ईस्ट व वेस्ट में बड़े ग्राउंड (फुटबॉल, वालीबॉल, बैडमिंटन और कुष्ती कोर्ट) का निर्माण, सेक्टरों में मल्टीपरपज हॉल/कम्यूनिटी सेंटर का निर्माण, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के कार्यालय का अवशेष निर्माण कार्य, नॉलेज पार्क फोर के कार्यालय में फसाड लाइट, एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और जेवर एयरपोर्ट के भुगतान शामिल हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने बोर्ड बैठक के दौरान आवंटियों पर बकाया धनराशि की समीक्षा करते हुए कहा कि जो भी आवंटी बकाया धनराशि नहीं दे रहे हैं, उनका आवंटन निरस्त कर दिया जाए। वे चाहे बिल्डर हों, उद्यमी हों या फिर अन्य कोई आवंटी हों। उनसे जमा धनराशि की नियमानुसार कटौती करते हुए वापस किया जाए। प्राप्त भूखंडों को नई स्कीम में शामिल करते हुए आवंटित किया जाए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि प्रॉपर्टी से जुड़े सभी विभागों के टॉप 50 आवंटियों को चिंहित किया गया है। उनको नोटिस जारी कर आवंटन निरस्त किया जा रहा है। बैठक में अब तक आवंटनों के निरस्तीकरण की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।