इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में शुक्रवार दोपहर दो पक्षों में पटाखे जलाने को लेकर विवाद हो गया है। यह विवाद देखते ही देखते इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच पथराव हो गया। स्थिति को देखते हुए पूरे इलाके में पुलिस बल को तैनात किया गया है। बताया जा रहा है कि विवाद बच्चों के पटाखे जलाने के कारण हुआ था। पुलिस ने बताया कि पथराव के कारण चार लोग मामूली तौर पर घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी जोन 4 ऋषिकेश मीणा ने भारी पुलिस बल के साथ क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकाला और स्थिति का जायजा लिया।
डीसीपी ऋषिकेश मीणा ने बताया कि इंदौर शहर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर दो पक्षों में विवाद के बाद पथराव हो गया। एक पक्ष ने रोड पर खड़ी गाड़ियां पलटा दीं। कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ कर कांच फोड़ दिए। यह विवाद बच्चों के पटाखा फोड़ने को लेकर हुआ। इसके बाद भीड़ बढ़ती चली गई। घटना थाने से सिर्फ 100 मीटर दूर की है। विवाद को बढ़ते देख एडीशनल डीसीपी और दूसरे थानों से पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और स्थिति संभाली। मौके पर मल्हारगंज, पंढरीनाथ, सराफा थाने का बल बुलाया गया है।
घटना के बाद स्थानीय हिंदू संगठनों ने छतरीपुरा थाने का घेराव किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका आरोप है कि हिंदू त्योहारों के दौरान इस तरह की घटनाओं के जरिए सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की जा रही है। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे क्षेत्रीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ ने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाओं में ‘जिहादी मानसिकता’ के लोग शामिल हैं, जो त्योहारों के माहौल को बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं।
डीसीपी मीणा ने बताया कि शुरुआती जांच में यह विवाद छोटे स्तर पर शुरू हुआ था, लेकिन जल्द ही कुछ असामाजिक तत्वों ने मौके का फायदा उठाकर पथराव और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। पुलिस ने मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए इलाके में शांति बहाल की और घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। डीसीपी ने कहा कि शहर की शांति को भंग करने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उचित जांच के बाद उन पर कड़े कदम उठाए जाएंगे।