Friday, November 22, 2024

देश में असमानता बढ़ी है, मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं- दिग्विजय सिंह

नयी दिल्ली। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार के कार्यालय में अब तक पेश सभी 11 बजटों में संविधान की भावना का उल्लंघन किया गया है क्योंकि इस दौरान देश में असमानता बढ़ी है और गरीब अधिक गरीब हुआ है।

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सदन में विनियोग(संख्याक दो)विधेयक2024 और जम्मू- कश्मीर विनियोग(संख्याक3) विधेयक 2024 को सदन में पेश किये जाने पर सिंह ने चर्चा की शुरूआत करते हुये कहा कि देश में सामाजिक और आर्थिक स्तर पर असमानता बढ़ा है जबकि यह देश अनेकता में एकता वाला है। विकास,प्रयास और विश्वास की बात तभी जो सकती है जब सभी वर्गों विशेषकर गरीबों की बात सुनी जायेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यालय में अब तक 11 बजटों से संविधान का उल्लंघन हुआ है क्योंकि देश में असमानता बढ़ी है। कुछ लोगों के पास देश की 40 प्रतिशत सपंत्ति है और मात्र एक प्रतिशत लोगों के पास 22 प्रतिशत संपत्ति है।

 

 

उन्होंने कहा कि देश के संसाधन पर पहला हक सबसे उपेक्षित और संसाधन विहीन लोगों का होता है जबकि यहां इसके उल्ट है। सरकार कहती है देश में 24 करोड़ से अधिक लोगों के गरीबी से निकालने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि उसको मिल रहा है जिसके पास भूमि है। जिसके पास भूमि नहीं है उसकाे कुछ नहीं मिल रहा है। वृद्धा पेंशन में भी वृद्धि नहीं की गयी है। विधवा पेंशन और विंकलांग पेंशन में भी ऐसे ही है। आज गरीब के साथ ही मध्यम वर्ग भी त्रस्त है।

 

 

मात्र 2.2 प्रतिशत लोग आयकर देते है। आज जो कार्पोरेट से कर आता है वह प्रत्यक्ष आयकर से भी कम हो गया है जबकि मोदी सरकार ने कार्पोरेट को चार गुना लाभ दिया है जिसको विनिर्माण में नहीं लगाया गया है। मोदी सरकार के कार्यालय में खरबपतियों की संख्या बढ़ी है। तीन सौ अमीर परिवारों पर सिर्फ दो प्रतिशत कर लगा देने से पूरा बजट पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। इसको दूर करने का सबसे बड़ा साधान कौशल विकास है। इसके साथ ही, अधिक श्रम बल उपयोग वाले क्षेत्रों की ओर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। सभी कैंसर दवाओं को उत्पाद शुल्क समाप्त कर देना चाहिए। स्वास्थ्य क्षेत्र पर जीएसटी को समाप्त कर देना चाहिए। शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान दिये जाने की जरूरत है। कर सुधार की बात की गयी है। आईबीसी का सबसे अधिक लाभ कंपनियों को हुआ है।

 

 

सिंह ने जम्मू-कश्मीर का उल्लेख करते हुये कहा कि अमेरिका ने अपने नागरिकों को यात्रा सलाह जारी करके कहा है कि जम्मू-कश्मीर जाना खतरे से खाली नहीं है। राज्य को केन्द शासित प्रदेश बना दिया गया। देश में आतंकवाद के साथ ही कर आतंकवाद भी बढ़ा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर (आईटी) का राजनीतिक हथियार की तरह उपयोग किया जा रहा है। सीबीडीटी अध्यक्ष किसको रिपोर्ट करते हैं। विपक्ष के नेताओं पर ईडी और आइटी की कार्रवाई हो रही है। जिनके यहां इनका छापा पड़ा उन्होंने भाजपा को चंदा दिया।

 

 

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्राइन ने कहा कि बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी है जिसे समाप्त किया जान चाहिए। इसके लिए 350 सांसदोें ने पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव किये जाने का आरोप लगाते हुये कहा मनरेगा सहित अधिकांश केन्द्रीय योजनाओं को लेकर 2021 से श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए। मनरेगा के एक रुपया नहीं दिया गया है। उन्होंने मोदी सरकार से जनमत का समर्थन करने की अपील करते हुये कहा कि राज्य सरकार का साथ दीजिय।

 

वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि मध्यम वर्ग पर कराधान पर विचार किये जाने की जरूरत है। सरकार से उनको कुछ नहीं मिल रहा है। उन्हें प्रोत्साहन भी नहीं मिल रहा है। पेंशन को कर मुक्त किया जाना चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर रिटर्न दाखिल करने को सरल बनाने पर सरकार को विचार करना चाहिए। कृषि उपरकणों पर अधिक जीएसटी है जिसे कम किया जाना चाहिए।

 

 

भारतीय जनता पार्टी के भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि यह सरकार सबका साथ सबका विकास की परिकल्पना पर काम कर रही है। समाज के सभी वर्गाें और अर्थव्यवस्था के सभी कारकों का ध्यान रखा गया है। सरकार का पूरा ध्यान गरीबों, युवाओं, किसान और महिलाओं पर है। मध्यम वर्ग के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को भी ध्यान में रखा गया है। बेरोजगारी दूर करने पर सरकार को पूरा ध्यान है और युवाओं को रोजगारोन्मुख बनाया जा रहा है।

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