मुजफ्फरनगर। पंजाब नेशनल बैंक के चीफ मैनेजर जसविंदर सिंह द्वारा कुछ माफियाओं से मिलकर फर्जी तरीके से बैंक में बंधक संपत्ति औने पौने दाम में बेचने का मुद्दा गर्माता जा रहा है । आज राष्ट्रीय त्यागी भूमिहार ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कचहरी में प्रदर्शन करके बैंक के प्रबंधक द्वारा प्रॉपर्टी डीलर की तरह संपत्ति बेची जाने का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मांगेराम त्यागी ने कहा कि हमें लगता था कि पुलिस में भ्रष्टाचार ज्यादा है, लेकिन इस जिले में तो बैंकों में भ्रष्टाचार पुलिस से भी ज्यादा नजर आ रहा है । उन्होंने आगे कहा कि 70 लाख रुपए की संपत्ति पर 10 लाख रुपए का लोन लिया था
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जिसकी कोरोना काल के दौरान एक या दो किश्त छूट जाने की वजह से बैंक ने उसको एनपीए घोषित कर दिया और प्लॉट की नीलामी की सूचना ऐसे न्यूज़पेपर में जारी की जिसे कोई पढ़ता नहीं है और थाना नई मंडी प्रभारी ने उस मामले में ₹50,000 की रिश्वत लेकर वकील की तरह पैरवी की है।
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उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को ईमानदार और सख्त बताया लेकिन अधिकारी और कुछ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए । उन्होंने कहा कि यदि योगी सरकार अधिकारियों और अपने भ्रष्ट नेताओं का इलाज नहीं करेगी तो 2027 के चुनाव में जनता उनका इलाज कर देगी।
उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक के चीफ मैनेजर जसविंदर सिंह द्वारा औने पौने दाम में किसानों और व्यापारियों की संपति बेचे जाने का मुद्दा उठाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होने चेतावनी दी है कि इस मामले में तुरंत जांच होकर कार्यवाही नही हुई तो बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
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सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने ज्ञापन लेते हुए आश्वासन दिया है कि जिला प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा ।
आपको बता दे कि रॉयल बुलेटिन ने ही सबसे पहले यह मुद्दा उठाया था, जिसमें भोपा रोड स्थित श्री राम स्वीट्स की संपत्ति औने पौने दाम में नीलाम कर दी गई थी । गत दिवस रोहिणी इंडस्ट्रीज के मालिक विदित त्यागी का मामला भी प्रकाशित किया था जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया है।
पंजाब नेशनल बैंक के जोनल हेड बलबीर सिंह ने रॉयल बुलेटिन से कहा है कि ऐसे सभी मामलों की गहनता से जांच कराई जाएगी और जो भी इसमें दोषी होगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसी बीच नई मंडी की सीओ रूपाली राय चौधरी ने बैंक और फाइनेंस कंपनी को धारा 91 के नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है । सीओ का कहना है कि नोटिस के बाद बैंक और फाइनेंस कंपनी के जबाबों का परीक्षण किया जाएगा और यदि नोटिस का जवाब नहीं आया, तो भी सख्त कार्रवाई की जाएगी ।