मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना कस्बे के भाजपा नेता राजेश संगल अयोध्या में सकुशल मिल गए है। वे व्यापार मंडल के मंडल अध्यक्ष है और भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक भी रह चुके है। बुढ़ाना की तहसील कॉलोनी में रहने वाले भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के पूर्व जिलाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के मंडल अध्यक्ष राजेश संगल एक अक्तूबर को दोपहर 11 बजे घर से बाइक से दुकान पर जाने के लिए निकले थे, लेकिन दुकान पर नहीं पहुंचे थे।
कस्बे में छोटे बाजार में उनकी कपड़े की दुकान है। स्वजनो ने उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी और उनके अपहरण की आशंका जताई थी, जिसके बाद एसओजी टीम के साथ पुलिस की भी पांच अलग अलग टीम बनाई गई थी। पुलिस शामली से बागपत तक सीसीटीवी फुटेज के अनुसार सुराग लगाने में जुटी थी। एक अक्टूबर को उनका मोबाइल फुगाना थाना क्षेत्र के हबीबपुर के जंगल में मिला था। दो अक्तूबर को उनकी बाइक शामली के थाना कांधला की भभीसा पुलिस चौकी से 5०० सौ मीटर दूर खड़ी मिली थी, लेकिन व्यापारी नेता कहीं दिखाई नहीं दिए।
पुलिस को अनुमान था कि व्यापारी नेता धार्मिक यात्रा पर जा सकते है, इसलिए पुलिस व्यापारी नेता को तलाशने के लिए अयोध्या में श्रीराम मंदिर और माता वैष्णो देवी के दरबार में तलाश करने चली गई थी। पुलिस का अनुमान बिलकुल सही निकला और शुक्रवार दोपहर में व्यापारी नेता पुलिस टीम को अयोध्या में मिल गए।
पुलिस टीम ने जि़ले के पुलिस अधिकारियों को तत्काल इस बारे में जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने इसकी जानकारी राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल को दी और कपिल देव अग्रवाल ने फोन पर उनके भतीजे अभिषेक संगल को जानकारी दी कि राजेश संगल का पता लग गया है। राजेश संगल अयोध्या में सकुशल मिल गए हैं। एसओजी टीम उन्हें लेकर लौट आई। भतीजे अभिषेक संगल व अन्य परिजनों ने व्यापारी के सकुशल मिलने पर खुशी जताई। बताया जाता है कि वह आर्थिक तंगी के कारण परिजनों को बिना बताए चले गए थे।
एसपी देहात आदित्य बंसल ने पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी नेता को पत्रकारों के सामने पेश किया। राजेश संगल ने बताया कि आर्थिक तंगी के चलते वह घर छोड़कर चले गए थे, क्योंकि उन पर काफी कर्ज हो गया था और लेनदार उन पर तकादा कर परेशान कर रहे थे।
पूछताछ के दौरान राजेश संगल ने बताया कि उनके ऊपर लोगों का काफी कर्जा था, जिसे वह चुका नहीं पा रहे थे। उन्होंने लोगों से ब्याज पर पैसा लेकर 1 प्लॉट खरीदा था, जिसके पैसे वह दूसरे लोगों से ब्याज पर लेकर देते रहे जिस कारण उनके ऊपर और ज्यादा कर्ज हो गया।
पैसे चुकाने से बचने के लिए वह दिनांक 01.10.2024 को अपने घर से दुकान जाने के लिए कहकर निकले थे, लेकिन दुकान पर न जाकर मंदवाडा, हबीबपुर, फगाना, शामली होते हुए कांधला पहुंच गये। लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से उन्होंने अपना मोबाइल फोन हबीबपुर में ईख के खेत में फेंक दिया था तथा जूते बदलकर चप्पल पहन ली थी तथा पूरा दिन कांधला, शामली के आस-पास घूमता रहा और शाम को करीब 6 बजे भभीसा चौकी के पास मोटर साइकिल खड़ी कर दी, जिससे पुलिस व अन्य लोगों को लगे कि उनके साथ कोई अनहोनी घटना हुई है।
उसके बाद वह रात्रि में बस से कांधला से मुजफ्फरनगर से हरिद्वार पहुंच गये, जहां वह रात भर धर्मशाला में रूके तथा सुबह बस से लखनऊ निकल गये और फिर अगले दिन सुबह लखनऊ से बस पकड़ कर अयोध्या जाकर धर्मशाला में रुक गये जहाँ से पुलिस ने उन्हें बरामद कर लिया।