नई दिल्ली। राजस्थान के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता कन्हैया लाल मीणा ने किरोड़ी लाल मीणा के समर्थन में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र लिखकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करने की मांग की है। दरअसल, राजस्थान के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए इस्तीफे की जानकारी दी थी। इसी बीच कन्हैयालाल मीणा ने सीएम भजनलाल को पत्र लिखकर किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का आग्रह किया है। दौसा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले कन्हैयालाल मीणा ने सीएम को पत्र लिखकर कहा, ”समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी हुई कि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, कैबिनेट मंत्री, राजस्थान सरकार ने मंत्री पद से इस्तीफा आपको प्रेषित किया है। मैं, इस पत्र के माध्यम से आपसे निवेदन कर रहा हूं कि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, राजस्थान के जन संघर्ष के सिरमौर हैं, उनका पूरा जीवन गरीब, मजदूर, दलित, आदिवासी, पिछड़ा, युवा सहित सर्व समाज के प्रत्येक पीड़ित शोषित लोगों की समस्या निवारण के लिए संघर्ष करते हुए बीता है।”
उन्होंने लिखा, ”लोकसभा चुनावों में प्रचार के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए डॉ. किरोड़ी लाल ने कहा था कि अगर दौसा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा नहीं जीती, तो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। इस संदर्भ में उल्लेख करना चाहूंगा कि डॉ. किरोड़ी लाल के सानिध्य में सम्पूर्ण दौसा लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओ ने पूरे दमखम से कार्य किया। परंतु कांग्रेस पार्टी द्वारा संविधान खतरे में और आरक्षण खत्म होने जैसे भ्रामक कुप्रचार से मतदाताओं को भ्रमित किया गया, इससे पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा। लोकतंत्र में जनता जनार्दन का निर्णय शिरोधार्य होता है।” कन्हैयालाल मीणा ने आखिर में लिखा, ”डॉ. साहब का मंत्रीपद से इस्तीफा देना उनकी भावुकता और वचनबद्धता को दर्शाता है, लेकिन ऐसे संघर्षशील व्यक्तित्व का सरकार में मंत्री पद पर बने रहना जन आवश्यकता है।
अतः कार्यकर्ताओं और आमजन की ओर से मेरा व्यक्तिगत अनुरोध है कि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का कैबिनेट मंत्री पद से दिया इस्तीफा अस्वीकार कर आम जन की भावनाओं का सम्मान करें।” बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान ऐलान किया था कि अगर भाजपा प्रत्याशी दौसा सीट हारा तो वे मंत्री पद छोड़ देंगे। फिर उन्होंने ये भी कहा था कि पीएम मोदी ने उन्हें 7 सीटों की जिम्मेदारी दी है।
इन सीटों पर पार्टी हारी तो वे मंत्री पद छोड़ देंगे। लोकसभा चुनाव में बीजेपी दौसा सीट हार गई। इतना ही नहीं पार्टी को पूर्वी राजस्थान की दौसा, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाई माधोपुर और भरतपुर सीट पर भी शिकस्त मिली।