Thursday, January 16, 2025

खतौली पुलिस ने हत्या के मामले का किया खुलासा, 4 शातिर अभियुक्त गिरफ्तार,बुआ ने कराई थी भतीजे की हत्या

 

 

 

मुजफ्फरनगर। थाना खतौली पुलिस ने हत्या के एक सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए 4 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। इन अभियुक्तों के कब्जे से 55 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। पुलिस जांच में पता चला कि भतीजे वंश की हत्या के पीछे उसकी बुआ का हाथ था, जिसने जमीन हड़पने के लालच में हत्या की साजिश रची और सुपारी देकर अपराध को अंजाम दिलवाया।

 

 

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के निर्देशन में अपराधियों की धरपकड़ के अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक नगर के पर्यवेक्षण और क्षेत्राधिकारी खतौली राम आशीष यादव तथा थाना प्रभारी बृजेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। 14 दिसंबर को थाना खतौली पुलिस ने हत्या के मामले का खुलासा करते हुए चार शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।अभियुक्त योगेश और परविंदर को गंग नहर पटरी दूधली कट के पास से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त अजय उर्फ लुक्का और सतीश को बंद पड़ी सीमेंट फैक्ट्री, गंग नहर पटरी, जंगल ग्राम खेडी रांगड़ान से पकड़ा गया। अभियुक्तों के पास से 55 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं, जो हत्या के अपराध से जुड़े हैं।

 

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30 नवंबर 2024 को वंश तंवर पुत्र संजय तंवर निवासी ग्राम लोहडड़ा, थाना रतनपुरी को गोली मारने की घटना ने जिले में सनसनी फैला दी थी। पीड़ित वंश तंवर ने मरने से पहले पुलिस को दिए बयान में बताया था कि वह अपने दोस्त आदित्य पुत्र सुरेंद्र (निवासी ग्राम टिटौड़ा, थाना खतौली) के साथ स्प्लेंडर मोटरसाइकिल से जा रहा था। इसी दौरान ग्राम सरधना के पास दो अज्ञात बाइक सवार व्यक्तियों ने उसे जान से मारने की नीयत से गोली मार दी।

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इस घटना के संबंध में थाना खतौली पुलिस ने तत्काल एफआईआर संख्या 479/2024 दर्ज की। मामला धारा 109 बीएनएस के तहत दर्ज किया गया। वंश तंवर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद केस को धारा 103(1)/61(2)क बीएनएस में संशोधित कर दिया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने थाना खतौली पर एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम ने सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण, सर्विलांस तकनीक का उपयोग और संभावित आरोपियों की गहन जांच की। इस प्रक्रिया में पुलिस ने 14 दिसंबर को मामले का सफल अनावरण करते हुए चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में योगेश,परविंदर,अजय उर्फ लुक्का, सतीश शामिल हैं। अभियुक्तों के पास से 55 हजार रुपये नकद भी बरामद हुए हैं, जो घटना से संबंधित हैं।

पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि वंश तंवर की हत्या की साजिश उसकी जमीन हड़पने के उद्देश्य से की गई थी। साजिश में उसकी बुआ का भी हाथ है, जिसने लालच में आकर अपने इकलौते भतीजे को मरवाने की सुपारी दी थी।गिरफ्तार अभियुक्तगण अजय उर्फ लुक्का पुत्र जिले सिहं निवासी ग्राम खेडी रांगडान थाना खतौली, मुजफ्फरनगर, सतीश पुत्र राजकुमार निवासी ग्राम कपसाड थाना सरधना जिला मेरठ, योगेश पुत्र राज सिहं निवासी ग्राम खेडी रांगडान थाना खतौली, परविन्द्र पुत्र कलाराम निवासी ग्राम खेडी रांगडान थाना खतौली,वांछित अभियुक्तगण बबीता पत्नी सतेन्द्र निवासी नरायणा दिल्ली, उपेन्द्र पुत्र नवल निवासी खेडा रांगडान थाना खतौली, मुजफ्फरनगर, सूरज पुत्र जसवीर निवासी ग्राम कपसाड थाना सरधना, मेरठ के रहने वाले है।

 

वंश तंवर हत्या कांड का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए इस घातक साजिश की परतें खोली हैं। वंश, जो अपने पिता का इकलौता बेटा था, करीब 100 बीघा जमीन का मालिक था। इसी संपत्ति के लालच में उसकी बड़ी बुआ बबीता, जो नारायणा, दिल्ली में रहती है, ने अपने भतीजे को मरवाने की साजिश रची। मुख्य साजिशकर्ता बबीता ने अपनी बहन तारो (वंश की दूसरी बुआ) के बेटे योगेश को इस साजिश में शामिल किया। योगेश ने इस काम में अपने मित्र परविंदर को भी जोड़ लिया। बबीता ने योगेश और परविंदर को 3 लाख रुपये दिए और परविंदर को लालच दिया कि उसकी बेटी की शादी परविंदर के बेटे से कर दी जाएगी। योगेश और परविंदर ने मेरठ के अपराधी सतीश से संपर्क किया और उसे वंश की हत्या के लिए 3 लाख रुपये दिए। सतीश ने अपने भतीजे सूरज और ग्राम खेडी (खतौली) के अपराधी उपेन्द्र से संपर्क किया। उपेन्द्र ने अपने साथी अजय उर्फ लुक्का को इस साजिश में शामिल किया। सतीश और सूरज ने वंश की दिनचर्या की रैकी की। 30 नवंबर 2024 को उपेंद्र और अजय मोटरसाइकिल पर सवार होकर सरधना मोड़ (बुढाना-खतौली मार्ग) पर पहुंचे। जैसे ही वंश अपने दोस्त आदित्य के साथ घर से निकला, सूरज ने इसकी सूचना सतीश को दी। वंश जब सरधना गांव के पास पहुंचा, तो अजय ने अपनी मोटरसाइकिल वंश के बगल में लगाई और पीछे बैठे उपेंद्र ने वंश को तमंचे से गोली मार दी। गोली लगने के बाद घायल वंश को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस टीम ने 14 दिसंबर को सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। योगेश और परविंदर को गंग नहर पटरी दूधली कट के पास से पकड़ा गया। सतीश और अजय उर्फ लुक्का को बंद पड़ी सीमेंट फैक्ट्री (गंग नहर पटरी, ग्राम खेडी रांगडान) से गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने आरोपियों के पास से 55 हजार रुपये नकद बरामद किए। सभी अभियुक्तों पर हत्या, आपराधिक साजिश और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस की जांच में स्पष्ट हुआ कि बड़ी बुआ बबीता ने अपनी भतीजे वंश की हत्या के लिए पूरी योजना बनाई थी ताकि वह उसकी 100 बीघा जमीन पर कब्जा कर सके।

 

 

पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि इस जघन्य हत्या के पीछे का मकसद संपत्ति का लालच था। सभी अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

 

 

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