मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय की स्वामी विवेकानंद शोध पीठ द्वारा स्वामी विवेकानंद व्याख्यान माला के अंतर्गत भारतीय बजट 2024 में उच्च शिक्षा हेतु किये गये प्रावधान एवं विकसित भारत 2047 के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु रोजगार, कौशल एवं शोध विकास पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के तीन बार कुलपति रह चुके एवं नीडोइक्नॉमिक्स के प्रवर्तक प्रो मदन मोहन गोयल ने कहा कि विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका अति महत्वपूर्ण हैं। इन्हें पाठ्यक्रम डिजार, अनुवर्धन, और सतयोग के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए ताकि वे राष्ट्रीय विकास को संचालित करने वाले शिक्षण संस्थाए स्थापित हो सके।
उन्होंनों के बजट का उल्लेख करते हुए बताया कि उच्च शिक्षा के लिए 47,619.77 करोड रुपये आवंटित किए गये है जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.68 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता हैं। यह आवंटन उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोजगार, कौशल विकास और अनुसंधान के क्षेत्र में योगदन देकर विकसित भारत की दिशा में आगें बढ़ने का अवसर प्रदान करता हैं।