मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में वन विभाग की मदद से करीब 12 घंटे के बाद एक मादा तेंदुआ अपने खोए हुए शावक के साथ फिर से मिल गई है। अधिकारियों ने यहां शनिवार को यह जानकारी दी।
वन अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि गुरुवार को मेरठ जिले के राधना तहसील के मवाना निवासी किसान रियासत के खेत में स्थित ट्यूबवेल के सूखे कुएं में तेंदुए के एक शावक को देखा। प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) राजेश कुमार ने बताया कि कुएं से निकालने के बाद शावक का स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारियों से स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया, इसमें शावक स्वस्थ पाया गया।
उन्होंने बताया कि, “उन्होंने तुरंत स्थानीय वन विभाग को सूचित किया और शावक को मादा तेंदुए से मिलाने के लिए सर्च अभियान चलाया। उन्होंने वन्य जीव विशेषज्ञ और अन्य के साथ मिलकर एक टीम बनाई।” उन्होंने पहले जांच की और शावक को अपने कब्जे में ले लिया। शुक्रवार सुबह तड़के 3:30 बजे, मादा तेंदुआ अपने लापता शावक की तलाश में आई और उसे सकुशल पाकर राहत मिली। उसने शावक को उठाया और जंगलों में चली गई।
स्थानीय वन विभाग की टीम तेंदुए के परिवार को मिलाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने कैमरे की जांच की और देखा की तेंदुआ अपने परिवार से मिलने में सफल रहा। टीम ने एक-दूसरे को बधाई दी। कुमार ने कहा कि पूर्व में वन विभाग की टीमों ने इस क्षेत्र में घूमने वाले तेंदुए या अन्य जंगली जानवरों के शावकों के खोए या गायब होने के लिए इसी तरह के ऑपरेशन किए हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग ने आसपास के गांवों के निवासियों से रात में गन्ने के खेतों में जाने से बचने की अपील की है, क्योंकि तेंदुए की मौजूदगी की संभावना है। डीएफओ ने कहा कि उक्त क्षेत्र में तेंदुए की उपस्थिति को देखते हुए एहतियात के तौर पर वन विभाग द्वारा गोष्ठियों का आयोजन कर स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।