गाजियाबाद। नौ साल पहले ससुर की गोली मारकर हत्या करने के दोषी दामाद अब्दुल कलाम, समधी जाफर अली, साबिर अली और जुल्फिकार अली को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सौरभ गोयल ने प्रत्येक दोषी पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। ससुराल पक्ष के लोगों ने समझौते के बहाने बुलाकर विवाहिता के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पत्नी ने दहेज प्रताड़ना और हत्या का केस दर्ज कराया था।
मुजफ्फरनगर में शादी समारोह में गए युवक की हत्या से सनसनी, खून से लथपथ मिला शव
अदालत ने दहेज प्रताड़ना में बरी करते हुए हत्या में सजा सुनाई। अदालत से मिली जानकारी के अनुसार बुलंदशहर के थाना खुर्जा देहात के असगरपुर गांव निवासी जैरून्निशा ने 24 नवंबर 2015 को मसूरी थाने में केस दर्ज कराया था। जैरून्निशा ने बताया था कि बेटी साजरीन उर्फ भूरी की शादी करीब दो साल पहले मुरादनगर थाना क्षेत्र के नेकपुर गांव निवासी अब्दुल कलाम के साथ की थी। शादी में पति मोहम्मद तालिब ने हैसियत से अधिक पैसा खर्च किया था, लेकिन बेटी के ससुराल वालों और दामाद दहेज से संतुष्ट नहीं थे। शादी के छह माह बाद से ही कार और एक लाख रुपये की मांग करने लगे।
मुज़फ्फरनगर में सेना के जवान की ट्रक की टक्कर लगने से मौत, अपनी शादी के कार्ड बांटकर घर लौट रहे
मांग पूरी नहीं होने पर उनकी बेटी को प्रताड़ित करने लगे। बेटी के बताने पर कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन ससुराल पक्ष के लोग नहीं माने। ससुराल पक्ष के लोगों ने फैसले के बहाने उन्हें और उनके पति तालिब को मसूरी थाना क्षेत्र के पिपलैड़ा गांव में बुलाया था। जैरून्निशा के मुताबिक 24 नवंबर 2015 को वह अपने पति तालिब, बेटी साजरीन और बेटे शादाब के साथ पिपलैड़ा निवासी साबिर अली के घर पहुंच गए।
वहां उन्होंने साबिर और जुल्फिकार के अलावा बेटी का ससुर जाफर अली तथा दामाद अब्दुल कलाम बैठे मिले। आरोप है कि उन्हें देखते ही साबिर, जुल्फिकार और जाफर अली ने उनके पति तालिब को दबोच लिया और दामाद अब्दुल कलाम ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और हत्या का केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा था और कोर्ट में आरोप-पत्र दाखिल किया था।