इटावा – उत्तर प्रदेश में इटावा की एक अदालत ने शिक्षक के पुत्र के अपहरण और हत्या के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप राजपूत समेत दो लोगों को दोषी करार देते हुये उम्रकैद और प्रत्येक से एक लाख दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी।
जिला जज चवन प्रकाश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद साक्ष्य एवं गवाहों के बयान पर गुरुवार को दोनो को दोषी करार दिया गया था और शुक्रवार आज दोनो को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 अप्रैल 2015 को कोतवाली इलाके के आनंदनगर वासी रिटायर्ड शिक्षक मोहर सिंह यादव के इकलौते बेटे संतोष यादव का अपहरण करने के बाद हत्या कर शव को सहसो इलाके की क्वारी नदी में फेंक दिया था। गोली लगने से संतोष की मौत हुई थी । 20 अप्रैल को अनजान शव मिलने के बाद रिटायर्ड टीचर मोहर सिंह यादव ने शव की पहचान अपने इकलौते बेटे के रूप में मौके पर जाकर की थी।
मोहर सिंह यादव ने भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष शिव प्रताप और उसके साथी दीपक शर्मा को नामजद किया था जिसमें कहा गया था कि तड़के चार बजे उनके बेटे संतोष को शिव प्रताप राजपूत और दीपक शर्मा फोर व्हीलर गाड़ी से उठाकर के ले गए हैं जिसके बाद उसका कोई पता नहीं चल रहा है। इटावा कोतवाली में अपहरण के मामले को हत्या व सबूतों को मिटाने के मामले में तरमीम किया गया था।
हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए शिव प्रताप 2000 से 2005 तक बढ़पुरा ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं । 2009 का लोकसभा चुनाव शिवप्रताप राजपूत की अगुवाई में लड़ा गया लेकिन भाजपा की हार के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था। शिव प्रताप राजपूत का भाई अवनीश राजपूत समाजवादी पार्टी की जिला इकाई में उपाध्यक्ष रहा है। 2021 के पंचायत चुनाव के दौरान शिव प्रताप समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव के दरम्यान भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो प्रभावी भूमिका में नजर आए ।