लखनऊ- उत्तर प्रदेश में शनिवार से शराबियों को झटका लगेगा। प्रदेश सरकार ने शराब महंगी कर दी है. शराबियों से ही 45000 करोड रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में शराब और बीयर की नई कीमतें शनिवार से लागू हो गई हैं। देसी शराब के पव्वे में जहां पांच रुपए से लेकर पंद्रह रुपए तक की और बीयर के केन पर दस रुपए से लेकर 20 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा वृद्धि अंग्रेजी शराब पर होने की संभावना है लेकिन अभी तक डिस्टलरियों की ओर से नए रेट घोषित नहीं किए गए है।
प्रदेश में शनिवार को 2023-24 के लिए जारी आबकारी नीति लागू हो गई है। नई आबकारी नीति का असर देशी शराब और अंग्रेजी शराब दोनों पर देखने को मिलेगा। नई नीति में कोटा(एमजीक्यू) बढ़ाने के साथ लाइसेंस फीस में वृद्धि की गई है। साथ ही साथ ही रिन्यूअल फीस और प्रोसेसिंग फीस भी बढ़ाई गई है।
अब देसी शराब का 200 ML का 36 फीसदी तीव्रता वाला पव्वा, जो अब तक 65 रुपए का था, वह शनिवार से 70 रुपए का बिकेगा। इसी तरह 42.80 फीसदी तीव्रता वाला 200 एमएल का टेट्रा पैक जो अब तक 75 रुपए का मिलता था, वह कांच की बोतल में 90 रुपए का बिकेगा।
अंग्रेजी शराब पर अपनी ड्यूटी तय कर रेट तय करने की जिम्मेदारी डिस्टलरियों को दे दी है और देर शाम तक डिस्टलरियों की ओर से रेट लिस्ट जारी नहीं हुई थी। संभावना है कि अंग्रेजी शराब के क्वॉर्टर पर कम से कम पांच रुपए और बोतल पर कम से कम बीस रुपए की वृद्धि हो सकती है। प्रीमियम ब्रैंड की शराब के दामों में ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। शराब ने मॉडल शॉप पर सालाना फीस दो लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दी है। इसके साथ ही लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले होटल, रेस्टोरेंट और क्लब बार को विशेष श्रेणी का मानते हुए नई आबकारी नीति में उसकी लाइसेंस फीस बढ़ाई गई है। इससे होटल, रेस्टोरेंट और क्लब बार में शराब अब और मंहगी हो जाएगी।