श्योपुर। जिला चिकित्सालय के पीछे राजब्रजबिहारी कॉलोनी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को आचार्य हरिओम महाराज (वृंदावन मोरवान) ने ध्रुव एवं प्रहलाद चरित्र का प्रसंग सुनाया। कथा का आयोजन लाखन सिंह तोमर एवं उपयंत्री बृजकिशोर सिंह तोमर द्वारा कराया जा रहा है।
आचार्य हरिओम महाराज ने कहा कि अपने भक्तों का उद्धार करने के लिए भगवान समय-समय पर अवतार लेते हैं। ध्रुव जी को भगवान ने महज छह वर्ष की अल्पायु में ही दर्शन दिए क्योंकि उनकी भक्ति प्रबुद्ध थी। भक्तों के उद्धार के लिए भगवान उनका ज्ञान, आयु, धन, प्रभाव नहीं देखते बल्कि उनका मन देखते हैं, उनका निश्चल प्रेम देखते हैं और उसी प्रेम के वशीभूत होकर भगवान ने अपने भक्त प्रहलाद से क्षमा तक मांगी। ऐसा उदाहरण हमारे शास्त्र में केवल दो ही जगह मिलता है। प्रहलाद जी के प्रसंग में या फिर द्रोपती के प्रसंग में। कथा में तीसरे दिन बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद रहे।