रांची। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री सह केंद्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा कि झारखंड सहित पूरे देश में लव जिहाद और धर्मांतरण बड़ी समस्या है। लव जिहाद के कारण कई बेटियां मारी जा रही हैं। इसपर अब बजरंग दल के कार्यकर्ता सक्रिय रूप से अपनी भागीदारी निभायें। अपने क्षेत्र में टोला बनाकर ऐसे राष्ट्र विरोधी दुराचारी ताकतों पर पैनी नजरें रखें और इनकी लिस्ट तैयार करें।
तिवारी रविवार को विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल के द्वारा धुर्वा स्थित जगन्नाथ मैदान में आयोजित शौर्य जागरण यात्रा और धर्म सभा में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भोले-भाले आदिवासियों को जिस तरह से धर्मांतरित कर दबाव में धर्म परिवर्तन करने का काम हो रहा है, यह गलत है। इसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्यों में बांग्ला घुसपैठियों की धमक इस बात का संकेत है कि यह पूरी तरह से राजनीतिक विद्वेष है। इसके तहत एक प्लान के साथ राज्य में घुसपैठिया आ रहे हैं। यहां के लोगों को नुकसान हो रहा है।
विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंद्रकांत रायपत राय ने कहा कि हिंदू रीलिजिक ट्रस्ट एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है। राज्य सरकार के द्वारा मंदिर के न्यास बोर्ड पर सरकार अपने पसंदीदा लोगों को रख रही है, जो हमेशा हिन्दू धर्म के खिलाफ काम करते हैं। केंद्र सरकार से अनुरोध करते हुए इस एक्ट को समाप्त करना ही एक मात्र विकल्प है, ताकि मंदिर और मठों में ऐसे लोगों का कब्जा ना हो। राय ने कहा कि 1920 में अंग्रेजों द्वारा लगाया गया यह कानून बाकी सब धर्मों से हटाकर सिर्फ हिन्दू धर्म के लिए लागू किया गया है।
विहिप के प्रांत मंत्री डॉ वीरेंद्र साहू ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई बजरंग दल का शौर्य जागरण यात्रा झारखंड प्रांत के चार क्षेत्रों से निकाली गई। रथ यात्रा सभी जिला का भ्रमण और 156 सभाएं करते हुए रांची में संपन्न हुआ और धर्म सभा के आयोजन से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव का शंखनाद हुआ। धर्म सभा को जगन्नाथ शाही, स्वामी भूतेशानंद, वीरेंद्र विमल, सीताराम शरण, स्वामी दिव्यानंद, दीपक ठाकुर, रंगनाथ महतो, जन्मेजय कुमार सहित अन्य ने संबोधित किया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर सूर्य नारायण, रामस्वरूप रूंगटा, तिलकराज मंगलम, कृष्ण चैतन्य, सिद्धनाथ सिंह, जन्मेजय कुमार, परिपूर्णेन्दु, गोकुल दास, ओमप्रकाश शरण सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।