मीरापुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के विरोध में मदरसा इस्लामिया जामिया, मीरापुर के छात्रों, शिक्षकों और कमेटी सदस्यों ने एक शांति रैली का आयोजन किया। इस रैली का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद की कड़ी निंदा करना और शहीदों की आत्मा की शांति के लिए दुआ करना था।
रैली मदरसे से प्रारंभ होकर थाना मीरापुर, जामा मस्जिद, सारी गेट, पंजाब नेशनल बैंक होते हुए मदन चौक तक पहुंची और फिर वापस मदरसे पर जाकर संपन्न हुई। इस दौरान छात्रों ने हाथों में तख्तियां थाम रखी थीं, जिन पर लिखा था: ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता’, ‘पहलगाम के शहीदों के लिए दुआ करें’, ‘आतंकवाद को समाप्त करो’ और ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’। छात्रों के जोशीले नारे कस्बे के मुख्य मार्गों पर गूंजते रहे।
मदरसे के अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या ने पूरे देश को हिला दिया है। उन्होंने मांग की कि आतंकवादियों को फांसी दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। आफताब आलम ने कहा कि आतंकवाद न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय एकता के लिए भी बड़ा खतरा है।
मौलाना अरशद कासमी ने भी अपने संबोधन में कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और यह पूरी मानवता पर हमला है। उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। इस अवसर पर मौलाना सईद, मौलाना शाहिद, मास्टर जान मोहम्मद, मास्टर नजीर अहमद, मौलाना अफान, मौलाना जावेद, मौलाना अब्दुल समद, कारी इरशाद, कार्य शोएब, मौलाना अफसर, मास्टर मोइनुद्दीन, मौलाना आस मोहम्मद समेत कई शिक्षक और कमेटी सदस्य मौजूद रहे। सभी ने मिलकर शहीदों के लिए दुआ की और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।