मुंबई। मयंक यादव की वापसी का इंतजार केवल लखनऊ सुपर जॉयंट्स (एलएसजी) के फैंस को ही नहीं था बल्कि सभी भारतीय क्रिकेटप्रेमी उन्हें वापस एक्शन में देखने के लिए बेताब थे। आईपीएल 2025 की शुरुआत से पहले फिटनेस संबंधी समस्याओं के कारण मयंक टीम से नहीं जुड़ सके। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के खिलाफ मैच से पहले जब वह टीम के साथ जुड़े तो लोगों को लगा कि अब उन्हें देखने का मौका मिलेगा। हालांकि, लगातार दो मैचों में बल्लेबाजी फ्लॉप होने के कारण मयंक को इंपैक्ट के रूप में शामिल नहीं किया जा सका।
अब मुंबई इंडियंस (एमआई) के खिलाफ मयंक प्लेइंग 11 का हिस्सा बने और उन्होंने रोहित शर्मा तथा हार्दिक पांड्या के बड़े विकेट निकाले। मयंक की गेंदबाजी की सबसे चर्चित बात उनकी गति रही है। पिछले सीजन एक्सप्रेस पेस के कारण चर्चा में आए मयंक एमआई के खिलाफ एकदम विपरीत अंदाज में गेंदबाजी करते हुए दिखे। पिछले सीजन किसी भी हाल में गति से समझौता नहीं करने वाले इस 22 साल के तेज गेंदबाज ने 2025 सीजन के अपने पहले मैच में गति में जमकर मिश्रण किया। मयंक ने मैच में अपने स्पैल की आखिरी गेंद 109.3 किमी/घंटा की गति से डाली और ये शायद उनके करियर की सबसे धीमी गेंद होगी। मयंक इस मैच में 145 की गति को भी नहीं छू सके।
पिछले सीजन अपने आईपीएल करियर की तीसरी गेंद ही 150 की गति से डालकर मयंक ने सबका ध्यान खींचा था। इसके बाद आरसीबी के खिलाफ मैच में उन्होंने छह गेंदें 150 से अधिक की गति से डाली थी जिसमें 156.3 की सीजन की सबसे तेज गति वाली गेंद भी शामिल थी। अगले ही मैच में जीटी के खिलाफ केवल एक ओवर डालने के बाद उन्हें चोट के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा। लगभग तीन सप्ताह बाहर रहने के बाद उन्होंने एमआई के खिलाफ मैच से वापसी की, लेकिन इस मैच में भी 3.1 ओवर की गेंदबाजी के बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा और वह पूरे सीजन से बाहर हो गए। मयंक ने जब भारतीय टीम के लिए टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया तब बांग्लादेश के खिलाफ उनकी एक्सप्रेस पेस देखने को मिली, लेकिन एक और इंजरी ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया।
अक्टूबर में लगी चोट से उबरने में मयंक को लगभग छह महीने लग गए। इस तरह उन्हें पूरा घरेलू सीजन मिस करना पड़ा। यहीं से संभवतः मयंक को ये समझ आया होगा कि पेस में मिश्रण करते रहना उनके शरीर के लिए कितना आवश्यक है। मयंक ने एमआई के खिलाफ लगातार 135 से 138 के बीच में गति रखी और इस बीच बहुत बड़े मिश्रण भी किए। रोहित ने मयंक के दूसरे ओवर में लगातार दो छक्के मारे थे और वो दोनों ही गेंद 142 के करीब वाली गति की थी। इसके बाद मयंक ने अचानक 120.6 की गति वाली ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद डाली जिस पर रोहित शॉर्ट थर्ड पर लपके गए। हार्दिक को 134.2 की गति वाली स्ट्रेट गेंद पर क्लीन बोल्ड करके मयंक ने फिर दिखाया कि सही टप्पा और लाइन पर गेंद रखना सबसे अहम चीज है। हार्दिक को उम्मीद थी कि गेंद तेजी से आएगी और इस चक्कर में उनका बल्ला पहले ही चल गया। मयंक ने इसी ओवर में 113.2 की गति वाली भी एक गेंद डाली थी।
यदि मयंक के चारों ओवर को देखा जाए तो साफ पता चलता है कि उनका पूरा ध्यान सही लाइन और लेंथ पर था बजाय गति को लगातार बढ़ाने पर। मयंक ने छह महीने बाद कोई प्रोफेशनल मैच खेलते हुए जिस तरह से खुद को ढाला है उससे पूर्व भारतीय दिग्गज अनिल कुंबले काफी खुश हैं। ईएसपीएन क्रिकइंफो के मिड इनिंग शो में बात करते हुए मयंक की गति में मिश्रण की कुंबले ने खूब तारीफ की। कुंबले ने कहा, “वापसी में समय लगेगा, लेकिन ये काफी प्रभावशाली रहा। लंबे समय बाद पहला मैच खेलते हुए और खास तौर पर मुंबई इंडियंस जैसी तगड़ी बल्लेबाजी वाली टीम के खिलाफ और वानखेड़े जैसे मैदान में। एक गेंदबाज के तौर पर आपको पता होता है कि वानखेड़े में आपके पास गलती की गुंजाइश बेहद कम है।” उन्होंने कहा, “ये सब जानते हुए और इतनी लंबी चोट से वापसी करते हुए उन्होंने काफी ज्यादा प्रभावित किया है। उन्होंने रोहित और हार्दिक के दो महत्वपूर्ण विकेट लिए। मेरे हिसाब से उन्होंने जिस लेंथ पर गेंदबाजी की और जो विविधताएं दिखाई वो काफी प्रभावित करने वाली थीं।”