इंदौर। शहर के स्नेह नगर के पास पटेल नगर स्थित श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी का स्लैब टूटने से हुई 36 मौतों का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। सोमवार को इसे लेकर दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। वहीं, हादसे की मजिस्ट्रियल जांच भी शुरू हो चुकी है।
जांच अधिकारी एडीएम अभय बेडेकर ने पटेल नगर के बगीचे में कब्जा करने वाले श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। इनमें ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी, सचिव मुरली सबनानी और उपाध्यक्ष रामचंद्र छुगानी शामिल हैं। साथ ही बगीचे की भूमि पर अवैध निर्माण की शिकायत करने वाले स्नेह नगर विकास मंडल के पदाधिकारियों को भी सूचना-पत्र भेजे गए हैं। इनमें मंडल के वीडी मूंदड़ा, सचिव पंकज काबरा आदि शामिल हैं।
सोमवार को मप्र हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर हुई हैं। पहली याचिका में शहर के कुएं, बावड़ियों सहित कुल 609 जलाशयों से अवैध निर्माण हटाने और घटना की जांच हाई कोर्ट के न्यायाधीश से कराने के साथ ही दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। दूसरी जनहित याचिका में मामले की जांच सीबीआई से करवाने, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है।
पहली जनहित याचिका पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहरलाल दलाल के माध्यम से दायर की है। इसमें नगर निगम पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा गया है कि बावड़ी हादसे ने नगर निगम एवं प्रशासन की पोल खोल दी है। स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों के विकास कार्यों का दावा किया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि शहर में सुरक्षा, पार्किंग और आपदा से निपटने की लिए पर्याप्त संसाधन तक नहीं हैं। रहवासियों की ओर से बार-बार अवैध निर्माण की शिकायत नगर निगम आयुक्त को की गई थी लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
दूसरी जनहित याचिका पूर्व पार्षद महेश गर्ग और प्रमोद द्विवेदी ने एडवोकेट मनीष यादव और अदिती यादव के माध्यम से दायर की है। इसमें बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी का स्लैब टूटने से हुई 36 मौतों के लिए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और शहर की विभिन्न बावड़ियों व कुओं से कब्जे तत्काल हटाए जाने के साथ ही मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में गठित समिति से कराए जाने की मांग की गई है।
एडीएम अभय बेडेकर मजिस्ट्रियल जांच शुरू करते हुए रविवार को ही बावड़ी, निर्माणाधीन मंदिर और बगीचे के फोटो और वीडियोग्राफी करा ली थी। इसके बाद सोमवार को जिला प्रशासन ने बावड़ी और निर्माणाधीन मंदिर को जमींदोज कर दिया। एडीएम द्वारा घटना की जांच के लिए साक्ष्य आमंत्रित किए गए हैं। किसी व्यक्ति, संस्था या अन्य के द्वारा घटना के बारे में कथन, साक्ष्य, अन्य दस्तावेज या जानकारी प्रस्तुत करना हो तो वे लिखित या मौखिक रूप से जांच अधिकारी के समक्ष कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक-103 में छह अप्रैल तक (अवकाश के दिनों को छोड़कर) कार्यालयीन समय में प्रस्तुत कर सकते हैं।
जांच में शामिल रहेंगे यह बिंदु
बावड़ी ढहने से हुई 36 लोगों की मौत को लेकर कलेक्टर इलैया राजा टी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए थे। आदेश के अनुसार जांच के बिंदुओं में शामिल रहेगा कि मृतकों की किन परिस्थितियों में मृत्यु हुई? संपूर्ण घटनाक्रम क्या था? घटनाक्रम में क्या परिस्थितियां थीं और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सुझाव भी जांच में शामिल किए जाएंगे। अन्य कोई बिन्दु जांच के दौरान प्रकाश में आता है तो उसके संबंध में अभिमत भी जांच में शामिल रहेगा। घटना की जांच 15 दिन में पूरी की जाएगी।