मुंबई। विश्व बाजार के मिलजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह आधे प्रतिशत से अधिक की तेजी में रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह चाल अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों को लेकर रुख, खुदरा महंगाई और कंपनियों के तिमाही नतीजे से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 596.87 अंक अर्थात 0.81 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 74248.22 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 186.8 अंक यानी 0.84 प्रतिशत मजबूत होकर 22513.70 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों में जबरदस्त लिवाली देखी गई, जिससे बाजार को बल मिला। मिडकैप 1508.42 अंक अर्थात 3.84 प्रतिशत की उड़ान भरकर सप्ताहांत पर 40830.54 अंक हो गया। इसी तरह स्मॉलकैप 2866.37 अंक यानी 6.64 प्रतिशत उछलकर 46032.71 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका में इस वर्ष मार्च में रोजगार के आंकड़े मजबूत रहे। इससे ब्याज दरों में कटौती शुरू करने में और विलंब होने की संभावना है। साथ ही फेडरल रिजर्व आगे जारी होने वाले महंगाई आंकड़े का भी इंतजार कर सकता है। अगले सप्ताह फेड के रुख का बाजार पर असर रहेगा। इसके अलावा ईरान और इजरायल के बीच झड़प से कच्चे तेल की कीमत, डॉलर इंडेक्स और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह पर भी बाजार की नजर रहेगी।
स्थानीय स्तर पर मार्च के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई और टीसीएस समेत कई दिग्गज कंपनियों के 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के परिणाम जारी होने वाले है। अगले सप्ताह बाजार को दिशा देने में इन कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।