जयपुर। जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती द्वारा भारत की तुलना बांग्लादेश से करने पर भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। गोपाल शर्मा ने महबूबा मुफ्ती के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि वह पाकिस्तान के हितों का समर्थन कर रही हैं। भाजपा विधायक ने महबूबा मुफ्ती के बयानों की निंदा करते हुए कहा कि महबूबा मुफ्ती का एक विवादास्पद इतिहास रहा है। उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद भारत के गृह मंत्री रह चुके हैं, लेकिन मुझे याद है कि गृह मंत्रालय में वह फाइल आज भी होगी, जिसमें उनके देशद्रोही गतिविधियों का उल्लेख किया गया है।
महबूबा मुफ्ती के पिता पर आरोप थे कि उन्होंने 1990 में कश्मीर में आतंकवादियों के साथ सांठगांठ की थी और वह कभी भी भारतीय हितों का समर्थन नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि रुबिया सईद के अपहरण के समय अपहरणकर्ताओं तक भोजन पहुंचाने में मुफ्ती मोहम्मद सईद की भूमिका पर सवाल उठे थे। महबूबा मुफ्ती ने हमेशा पाकिस्तान का पक्ष लिया है और कभी भी हिंदुस्तान की बात नहीं की। उनके हर बयान से ऐसा लगता है कि वह पाकिस्तान के हितों का समर्थन कर रही हैं। महबूबा मुफ्ती के बयानों पर चर्चा करना वैसा ही है जैसे पाकिस्तान के पतन की बात करना। जिस तरह से पाकिस्तान का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है, वैसे ही उनके बयानों का कोई महत्व नहीं रह गया है।
बता दें कि महबूबा मुफ्ती ने रविवार को संभल हिंसा और राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में सर्वे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि यह लोग हमारी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के बजाय हर मस्जिद में मंदिर ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले का जिक्र कर कहा था कि वहां हमारे हिंदू भाइयों के साथ ज्यादती हो रही है और यहां पर भी हम अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है, तो हममें और उनमें फर्क नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा था कि अगर हम भारत में अल्पसंख्यकों को परेशान करेंगे। उनकी मस्जिदों में जाकर मंदिर ढूंढेंगे तो ऐसी स्थिति में बांग्लादेश और हमारे बीच में क्या फर्क रह जाएगा। बांग्लादेश में भी तो लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनके धार्मिक स्थलों पर हमला किया जा रहा है। बांग्लादेश में जिन लोगों ने हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हें वहां जेल में डाल दिया गया, ठीक उसी प्रकार से यहां पर भी जो लोग अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार के विरुद्ध बोलते हैं, उन्हें भी जेल में डाल दिया जा रहा है।