नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के मद्देनजर एम्स सहित सभी केंद्रीय अस्पतालों को पत्र लिखा है। सभी अस्पतालों को सुरक्षा के व्यापक इंतजाम उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि चिकित्साकर्मियों के साथ अपराध मंजूर नहीं है। पत्र में यह भी कहा गया कि निजी अस्पतालों की तुलना में सरकारी अस्पताल मरीजों के लिए सुलभ होते हैं।
इसी वजह से निजी अस्पतालों में आपराधिक कृत्य अधिक होते हैं। ऐसे में यहां सुरक्षा के उचित बंदोबस्त करना अस्पताल का दायित्व बनता है। इसमें लिखा है कि जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से चिकित्सकर्मियों के साथ हिंसक व आपराधिक कृत्य की खबरें प्रकाश में आ रही हैं, उससे स्पष्ट है कि मौजूदा सुरक्षा-व्यवस्था अपर्याप्त है। पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि अस्पताल के प्रवेश व निकासी द्वार पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि आने-जाने वाले सभी लोगों की गतिविधियों को कैमरों में कैद किया जा सके। अगर कोई अप्रिय घटना कैद होती है, तो अपराधी को तुरंत पकड़ने में मदद मिले। चिट्ठी के मुताबिक अस्पताल में निकासी और प्रवेश द्वार साथ ही सभी संवेदनशील परिसरों में भी कैमरे लगाए जाएं।
इसके अलावा परिसर में सभी प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों को पर्याप्त संख्या में तैनात किया जाए, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति पर समय रहते काबू पाया जा सके। साथ ही कहा गया है कि मरीजों के साथ दो ज्यादा तीमारदार को अस्पताल में प्रवेश करने की इजाजत न दी जाए। वहीं, अगर कभी इस बात का पता चले कि कोई मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति अस्पताल में है और अंदेशा हो कि वो किसी को नुकसान पहुंचा सकता है, तो उसे तत्काल बाहर किया जाए। खत में उचित प्रशिक्षण के भी निर्देश हैं। इसमें सलाह दी गई है कि अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को समय-समय पर उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए, ताकि अगर कभी ऐसी स्थिति पैदा हो, तो उस पर आसानी से काबू किया जा सके।
वहीं, अस्पताल में कार्यरत सभी चिकित्सकर्मियों को भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए, ताकि कार्यस्थल में रहते हुए अगर उन्हें निकट भविष्य मे ऐसी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ें, तो वे किसी दूसरे पर आश्रित होने के बजाय खुद ही इसका डट कर मुकाबला करने में सक्षम हों। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से हुए दुष्कर्म को लेकर देशभर में आक्रोश है। विभिन्न राज्यों मे चिकित्सकर्मी हड़ताल पर हैं। इससे अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीजों के ऑपरेशन व सर्जरी की तारीख भी टल गई है।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का दो टूक कहना है कि जब तक इस वीभत्स घटना में संलिप्त आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा नहीं दे दी जाती है, तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उधर, इस घटना को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं। विपक्षी दल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। पीड़िता के पिता का आरोप है कि मुख्यमंत्री घटना को लेकर आक्रोशित लोगों को दबाने का प्रयास कर रही हैं।