नई दिल्ली। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बुधवार को कहा, ”नरेंद्र मोदी सरकार विदेश में मौजूद भारतीयों की सुरक्षा और विषम परिस्थिति आने पर उन्हें हर संभंव सहायता प्रदान करने की दिशा में सदैव तत्पर और प्रतिबद्ध रहती है।”
पीएम मोेदी के यूएई दौरे के संदर्भ में आहूत की गई मीडिया ब्रीफिंग के दौरान क्वात्रा से हाल ही में कतर से रिहा किए गए पूर्व भारतीय नौसैनिकों पर सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने उक्त टिप्पणी की।
क्वात्रा ने आगे कहा, ”प्रधानमंत्री हमेशा ही विदेश में मौजूद भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा विदेशी नेताओं के समक्ष जोरशोर से उठाते हैं। भारतीय समुदाय जहां कहीं भी हो, उनकी सुरक्षा भारत सरकार के लिए प्रथम नैतिक जिम्मेदारी हो जाती है। लिहाजा हर प्रकार की विषम परिस्थिति में भारत सरकार विदेशी धरा पर मौजूद भारतीयों को हरसंभव सहायता प्रदान करती है।”
उन्होंने कहा, ”कोरोना से लेकर सूडान संकट तक में भारत सरकार ने इस बात को प्रमाणित किया है कि वो विदेश में मौजूूद भारतीयों की सुरक्षा के लिए कितनी संवेदनशील है।”
क्वात्रा ने आगे कहा, ”नौसैनिक अधिकारियों को सुनाई गई सजा के मामले का खुद प्रधानमंत्री मोदी ने निजी तौर पर अवलोकन किया था। पीएम मोदी अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की पहल से पीछे नहीं हटते हैं।”
पीएम मोदी ने दिसंबर में दुबई में कॉप-28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की।
कतर में पकड़े गए आठ भारतीय नागरिकों में कैप्टन नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके. गुप्ता, बीके. वर्मा, सुगुनाकर पकाला और नाविक रागेश का नाम शामिल था।
जैसे ही पूर्व नौसैनिक अधिकारी नई दिल्ली पहुंचे, तो पीएम मोदी के दोहा दौरे पर जाने का ऐलान किया गया।
बता दें कि 2014 के बाद यह पीएम मोदी की दूसरी कतर यात्रा होगी, जहां वह महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे।