पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन में अभी और कुछ पार्टियां शामिल होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी उनके नाम सार्वजनिक नहीं करेंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में एनडीए को कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
नीतीश कुमार ने राजगीर में मलमास मेला-2023 के उद्घाटन समारोह से लौटकर पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की मीटिंग हुई है। उन्होंने मीटिंग को सफल बताते हुए कहा कि राजगीर में लगने वाले मलमास मेला के कारण हम वहां से जल्दी चल दिये। नाराजगी को लेकर भाजपा के आरोपों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम क्यों नाराज होंगे। भाजपा को उस मीटिंग से क्या लेना-देना है? लोग तरह-तरह की बातें कह रहे हैं। इसमें कोई खास बात नहीं है। हमको जो कुछ भी कहना था, उसे हमने मीटिंग में कह दिया है।
‘इंडिया’ नाम पर आपत्ति के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको कोई आपत्ति नहीं है। मीटिंग में इस पर चर्चा हुई है। सभी लोगों के सुझाव पर इस नाम को फाइनल किया गया है। नामकरण से कोई दिक्कत नहीं है अपना देश इंडिया, भारत ही है।
दिल्ली में एनडीए की मीटिंग को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि 1999 में एनडीए बना था। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने कभी एनडीए की मीटिंग नहीं बुलाई थी, जबकि, पहले हमेशा मीटिंग होती थी।
जदयू के नेता ने कहा कि एनडीए की मीटिंग में जो लोग शामिल थे उनमें से कई लोगों को आप लोग जानते भी नहीं हैं, कौन-कौन पार्टी को वे लोग मीटिंग में बुलाये थे? हम लोगों की मीटिंग में जो पार्टियां शामिल थी, वे सभी जानी पहचानी पार्टी हैं।
वर्ष 2024 में एनडीए को मिलने वाली चुनौती के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एनडीए को पूरी चुनौती मिलेगी। इसकी भी संभावना है कि सही समय आने पर कुछ और लोग भी विपक्षी गठबंधन में शामिल होंगे। अभी हम उनलोगों का नाम नहीं लेंगे, नहीं तो उन पर न जाने क्या-क्या कार्रवाई हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि हमलोग मिलकर देश के हित में काम कर रहे हैं। देश का इतिहास ही ये लोग बदल देंगे। आजादी की लड़ाई से इन लोगों का कोई मतलब नहीं था। उन्होंने दोहराया कि हमारी व्यक्तिगत कोई इच्छा नहीं है। हमलोग केवल देश के हित में बात कर रहे हैं।