Wednesday, May 22, 2024

गाजियाबाद : पुलिसकर्मियों की मौत मामले में बिल्डर और उसके ड्राइवर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

गाजियाबाद। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में बिल्डर निखिल चौधरी और उसके ड्राइवर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला सिपाही जगबीर के पिता घनश्याम की शिकायत पर दर्ज किया गया।

दो दिन पहले इनोवा कार में सवार यूपी और दिल्ली पुलिस के दो सरकारी गनर की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसी दुर्घटना में बिल्डर और उसका ड्राइवर भी कार में मौजूद थे। लेकिन, उनको चोट नहीं आई थी। इसके बाद पुलिसकर्मियों के परिजनों ने घटना पर सवालिया निशान खड़े किए थे और उसे दुर्घटना नहीं हत्या बताया था। मृत पुलिसकर्मियों के परिजनों ने बिल्डर पर हत्या का आरोप लगाया है। वे बिल्डर को मिली सुरक्षा पर भी सवाल उठा रहे हैं।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

बता दें कि करीब छह साल पहले बिल्डर निखिल चौधरी को हाईकोर्ट के आदेश पर सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। इंदिरापुरम इलाके में दो दिन पहले बिल्डर की इनोवा कार डिवाइडर से टकराने के बाद एक बैंक्वेट हॉल के बाहर खड़ी दो गाड़ियों से जा भिड़ी थी। उस हादसे में कार की पिछली सीट पर बैठे दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। जबकि कार ड्राइव कर रहे बिल्डर और उसके ड्राइवर को खरोंच तक नहीं लगी। हादसे के बाद यूपी पुलिस के हेड कांस्टेबल का शव सड़क, जबकि, दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल का शव बैंक्वेट हॉल से करीब 100 मीटर आगे कार में मिला था।

पुलिस को आशंका है कि डिवाइडर से टकराने के दौरान रेलिंग में फंसकर जगबीर बाहर सड़क पर जा गिरे थे। साहिबाबाद क्षेत्र के शालीमार गार्डन इलाके में बिल्डर निखिल चौधरी के पिता एसपी सिंह की लगभग 6 साल पहले हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर निखिल चौधरी को दो राज्यों की पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। दिल्ली पुलिस की तरफ से दो और उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से एक पुलिसकर्मी को सुरक्षा में तैनात किया गया था।

हादसे के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से दिया गया दूसरा सुरक्षाकर्मी हिमांशु अपनी बीमार दादी से मिलने के लिए अवकाश लेकर गया हुआ था, जिससे वह हादसे का शिकार होने से बच गया। आरोप है कि बिल्डर निखिल चौधरी ने एक मॉल से शराब खरीदकर पी। नशा होने के बाद वह खुद गाड़ी ड्राइव करने लगा। जबकि, उसका ड्राइवर उसकी बगल की सीट पर बैठा था। पीछे की सीट पर दोनों सुरक्षाकर्मी बैठे थे। हादसे के बाद बिल्डर निखिल चौधरी ने पुलिस की जांच को भी गुमराह करने की कोशिश की।

उसने बताया कि हादसे के समय गाड़ी उसका ड्राइवर मनोज चला रहा था। दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल जय ओम शर्मा और उत्तर प्रदेश पुलिस के हेड कांस्टेबल जगबीर बैठे थे। इस मामले को लेकर परिजनों ने सवाल उठाए हैं कि अलग-अलग दिशा में बैठे पुलिसकर्मियों की ही मौत कैसे हुई। जबकि, बाकी अन्य को खरोंच तक नहीं आई। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसमें शराब की बोतल और गिलास पड़े मिले। जांच में पता चला कि कार में बैठे लोगों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी।

सुरक्षित कही जाने वाली इनोवा कार के एयरबैग भी नहीं खुले और दो लोगों की मौत हो गई। हेड कांस्टेबल जगबीर के पिता रिटायर्ड दरोगा घनश्याम सिंह और ससुर नवीन कुमार ने हादसे को लेकर हत्या का शक जाहिर किया है। दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल जय ओम शर्मा के दादा पुरुषोत्तम शर्मा के साथ आए परिजनों ने भी हादसे को लेकर सवाल खड़े किए हैं। सभी लोगों का एक ही सवाल था कि हादसे में पुलिसवालों की ही मौत क्यों हई है और बाकी अन्य को कोई चोट भी नहीं लगी है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,188FansLike
5,319FollowersFollow
50,181SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय