भोपाल। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के चार दिवसीय अभ्यास वर्ग का रविवार को समापन हुआ। भोपाल के पीपुल्स ग्रुप ऑडिटोरियम में आयोजित इस अभ्यास वर्ग में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने नए सिरे से भारत जोड़ने की मुहिम जुटने का लक्ष्य निर्धारित किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने अभ्यास वर्ग को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि विश्व में यह पहला मौका है जब कहीं भी किसी भी मुस्लिम संगठन का इस प्रकार से कोई अभ्यास वर्ग हुआ, जिसमें देश और दुनिया में मुस्लिमों कि स्थितियों पर चिंतन और उससे जुड़ी बातों पर अनगिनत प्रस्ताव पारित किए गए। 100 से अधिक कार्यकर्ताओं को नई जिम्मेदारियां भी दी गई हैं।
11 प्रस्ताव पारित
इंद्रेश कुमार ने बताया कि चार दिनों में 11 विषयों को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए और कुछ नए लक्ष्य रखे गए। जिनमें सबसे मुख्य रहा एक देश, एक कानून, जिसे लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड कहते हैं। इसके अलावा जनसंख्या नियंत्रण, लव जिहाद जैसे मुद्दे हावी रहे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज से जुड़े बुद्धिजीवियों ने अलग-अलग विषयों पर चिंतन किया और व्याख्यान पेश किया। जिनमें पूर्व वाइस चांसलर, आईआईटी के पूर्व डायरेक्टर, प्रोफेसर, चिकित्सा विशेषज्ञ, वकीलों और अन्य बुद्धिजीवियों ने अपनी राय रखी।
एक देश, एक कानून क्यों?
इंद्रेश कुमार ने अभ्यास वर्ग के समापन अवसर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के किसी भी देश में अलग-अलग धर्मों, समुदायों को लेकर वहां के कानून से कोई समस्या नहीं है। ऐसे में फिर भारत में क्यों समस्या है? उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि अगर किसी कार दुर्घटना में अलग-अलग धर्मों के लोगों को मुआवजा देना है तो क्या सबको अलग-अलग इनके धर्मों के मुताबिक दिया जायेगा या एक कानून से सबको बराबर धन दिया जाएगा? इसी तरह कोई धर्म विशेष सड़क पर इबादत करे तो उसमें क्या करना चाहिए? देखादेखी दूसरा धर्म भी वही करेगा। ऐसे में इसको रोकने के लिए कोई तो कानून होना चाहिए जो सबके लिए एक समान हो।
जनसंख्या विस्फोट
जनसंख्या, शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि मुस्लिम धर्म में स्कूल ड्रॉपआउट की संख्या सबसे अधिक है। मुस्लिम धर्म के लोग देश में करीब 20 करोड़ हैं और उनमें से ग्रेजुएट मात्र तीन प्रतिशत से भी कम हैं। ऐसे लोगों में रोजगार की समस्या भी रहती है और ये जहां रहते हैं वहां का क्राइम रेट भी अधिक होता है। अगर ओवरऑल देखें तो विश्व के 17 फीसदी लोग भारत में रहते हैं जबकि संसाधन विश्व का मात्र छह प्रतिशत है। यानी भारत में स्थिति विस्फोटक हो रही है। इसलिए इस पर लगाम लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
लव, सेक्स और धोखा
इंद्रेश कुमार ने लव जिहाद के विषय पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इसके भी खात्मे की जरूरत है। ऐसे कैसे होता है कि साथ-साथ जीने-मरने की कसम खाने वाले दो पल में ही खून के प्यासे बन जाते हैं। बाद में पता चलता है कि लड़के ने आइडेंटिटी कुछ और निकलती है, उसका पहना कलावा भी झूठा निकलता है, तो कहीं धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है। ऐसे प्यार का क्या मतलब जिसमें दूसरे की पहचान मिटानी पड़ती हो?
गो सेवा सर्वोपरि
इंद्रेश कुमार ने ईद उल अजहा में गाय की कुर्बानी पर पूरी तरह से रोक की भी बात की। उन्होंने कहा कि गाय की कुर्बानी हराम है। गाय की सेवा करनी चाहिए और इसके दूध और दूध से बनी चीजें शिफा (बीमार को अच्छा) देती हैं। उन्होंने बताया कि मुस्लिम मंच के कार्यकर्ता देश भर में गायों की सेवा कर रहे हैं और सदैव करते रहेंगे।
रक्षा की डोर
आगामी रक्षाबंधन के त्योहार को भी हर साल की तरह धूमधाम से मनाने का फैसला किया गया। मंच हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय रक्षाबंधन पर्व मनाया करता है और इस बार भी पूरी तन्मयता के साथ इसे मनाया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
21 जून को विश्व योग दिवस भी पूरी श्रद्धा और आस्था की तरह मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम में योग करना हराम नहीं है। जो भी ऐसी बात करता है उसे इसका मतलब है कि इस्लाम का ज्ञान नहीं है। योग एक तरह का विज्ञान है जो व्यक्ति को सेहतमंद रखता है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की लगभग 2500 इकाइयां योग दिवस को मनाएंगी।
जनजागरण अभियान
इंद्रेश कुमार ने बताया कि 20 अगस्त से 30 सितंबर तक लोगों को जोड़ने की मुहिम चलाने-जनसंपर्क अभियान चलाने का फैसला किया है। इसमें छोटे बड़े 3000 से अधिक कार्यक्रम होंगे, जो मंच के हजारों कार्यकर्ताओं की सहायता से पूरा होगा और 15 लाख परिवारों से अधिक अर्थात लगभग 50 लाख लोगों के बीच मंच के कार्यकर्ता जाएंगे और देश की एकता, अखंडता, संप्रभुता की बातें पहुंचाएंगे। इसमें दंगा मुक्त, छुआ छूत मुक्त, प्रदूषण मुक्त और समरसता, सद्भावना और भाईचारा वाला भारत बनाएंगे।