Thursday, May 9, 2024

किसानों के साथ हो रहे अन्याय बर्दाश्त नहीं : नरेश टिकैत

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ग्रेटर नोएडा । किसानों की जमीन अधिग्रहण होने के बावजूद भी उनका मुआवजा समय से नहीं दिया जा रहा है। यह बात भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आज जेवर में किसानों द्वारा आयोजित की गई एक महापंचायत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुए काफी समय हो गया है।

जनपद गौतम बुद्ध नगर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा  कि मुआवजा, आबादी की मांग, विकसित प्लाट सहित विभिन्न समस्याएं ऐसी है जिसका प्राधिकरण के अधिकारी समाधान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्राधिकरण के अधिकारी समय से अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा दे दे तो किसान उस पैसे का सदुपयोग करके अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं।  उन्होंने  कहा कि किसानों के साथ हो रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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किसानों की समस्याओं को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले साबौता-जेवर कट पर किसान-मजदूर महापंचायत का आयोजन किया गया है। महापंचायत भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने जेवर एयरपोर्ट एवं किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर चर्चा करते हुए गौतमबुद्ध नगर में चल रहे किसानों के धरने को लेकर नई रणनीति बनाई।

भारतीय किसान यूनियन पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चौधरी पवन खटाना, जिला अध्यक्ष गुर्जर रोबिन नागर और मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने बताया कि महापंचायत में जेवर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन से प्रभावित किसानों की समस्याओं, उनकी मांगों सहित अन्य समस्याओं पर आज राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महापंचायत को संबोधित किया। महापंचायत में उन्होंने कहा कि गौतमबुद्ध नगर जिले में तीनों विकास प्राधिकरणों नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण हैं। तीनों ने ही किसानों की जमीन किसी न किसी परियोजनाओं के लिए अधिग्रहीत की है।

जमीनों के अधिग्रहण के समय किसानों से लंबे-चौड़े लुभावने और आकर्षक वादे किए गए थे लेकिन किसानों की मांग अब तक पूरी नहीं हुई है। अधिकारी किसानों से बातचीत करते हैं। आश्वासन देते हैं फिर आंखें मूंद लेते हैं। किसान फिर आंदोलन करते हैं। अधिकारी बैठक कर वादे करते हैं लेकिन करते कुछ नहीं। यहां तक कई मामलों ने विभिन्न अदालतों ने आदेश दे रखे हैं उन पर भी अधिकारी अमल नहीं कर रहे हैं।

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