शामली । एक 6 साल के मासूम बेटे ने आज अपने दिवंगत पिता को ऐसा इंसाफ दिलवाया कि वो एक नज़ीर बन गया। कातिल मां और उसके प्रेमी असली अंजाम तक पहुंचाने के लिए मासूम की गवाही एक मील का पत्थर साबित हुई और अदालत ने दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई। इतना ही नहीं अदालत ने दोनों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका।
जानकारी के अनुसार 2 जून 2018 को शामली जिले के गढ़ीपुख्ता थाना इलाके के मालैंडी गांव निवासी धर्मवीर की लाश फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली थी। बताया जा रहा था कि धर्मवीर ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है, लेकिन दो दिन बाद मृतक के 6 साल के बेटे कार्तिक ने परिजनों को जो राज बताया, उसे सुनकर सब दंग रह गए।
मासूम ने बताया कि उसके पिता धर्मवीर ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या की गई है। हत्या भी किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी मां राजेश ने अपने प्रेमी प्रदीप के साथ मिलकर की है। हत्या गला दबाकर की गई थी, जबकि आत्महत्या दर्शाने के मकसद से उसकी लाश को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था। इस मामले की सुनवाई जिला जज शामली गिरीश कुमार वैश्य की अदालत में हुई।
अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान ने पैरवी की। अदालत ने तमाम गवाहों और सबूतों के आधार पर राजेश और उसके प्रेमी प्रदीप को दोषी करार देते हुए उम्र कैद और 40-40 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई थी रिपोर्ट: इस मामले में एक पहलू ये भी है कि पुलिस ने उस वक्त हत्या का मामला ही दर्ज नहीं किया था और पूरे मामले को केवल आत्महत्या करार देने पर तुली थी, जिसके बाद मृतक धर्मवीर के पिता को अदालत का सहारा लेना पड़ा था, जिसके बाद अदालत के आदेश पर गढ़ीपुख्ता थाने में 156/3 के तहत आईपीसी की धारा 302 में मुकदमा दर्ज हुआ था।
अभियोजन पक्ष द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अदालत के आदेश पर दर्ज हुए मुकदमे की पुलिस ने जांच की तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में धर्मवीर की मौत गला दबाने की वजह से होना बताया गया, जो मृतक धर्मवीर के 6 साल के बेटे कार्तिक के बयानों की तस्दीक कर रही थी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ाया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अदालत द्वारा हत्यारे करार दिए जाने वाले राजेश और प्रदीप तभी से जेल में ही बंद है।