लखनऊ । इस सप्ताह नई बिजली दर घोषित हो जाने की पूरी संभावना है। इस बीच उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि उप्र में कोई ऐसा कानून नहीं है, उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ बिजली कंपनियों पर सरप्लस होने के बावजूद बिजली बिल में बढ़ोत्तरी हो सके। यदि सरकार साथ दे तो इस बार बिजली दर में कमी हो जाएगी।
उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार व प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से मांग उठाई कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत इसी सप्ताह सरकार यदि निर्णय ले ले तो प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी हो जाएगी।इससे तीन करोड 45 लाख विद्युत उपभोक्ता सरकार की जय-जयकार करेंगे।
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि समय रहते यदि उत्तर प्रदेश सरकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 108 के तहत लोक महत्व का विषय मानते हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के लिए यह निर्देश जारी कर दे कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जो 33122 करोड सरप्लस निकल रहा है, उसके एवज में बिजली दरों में कमी की जाए, तो पावर कॉरपोरेशन का नियामक आयोग पर बनाया जा रहा दबाव नाकाम साबित हो जाएगा।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी हो जाएगी और एक तरह से उत्तर प्रदेश सरकार के लिए प्रदेश के 3 करोड 45 लाख विद्युत उपभोक्ता के बीच में जय जय हो जाएगी। अब समय आ गया है प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को भी इस मुद्दे पर आगे आकर उपभोक्ताओं के साथ खडे होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि टैरिफ निर्धारण की अंतिम प्रक्रिया राज्य सलाहकार समिति की बैठक में भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार विमर्श किया जा चुका है और उपभोक्ता परिषद के सभी मुद्दों को समिति की बैठक में शामिल किया गया था, जो या सिद्ध करता है कि उत्तर प्रदेश में कोई ऐसा कानून नहीं है जो बिजली दरों में बढोतरी की बात कर सके लंबे समय से बिजली दरों में कमी केवल इसलिए नहीं हो पा रही है, क्योंकि पावर कॉरपोरेशन नहीं चाहता कि बिजली दरों में कमी हो।