नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। देश के विभिन्न राज्यों को कई सौगातें दीं। बिहार में मखाना बोर्ड के गठन का तो असम में यूरिया संयंत्र खोलने का ऐलान किया। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाले संयंत्र की स्थापना की जाएगी।
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पूर्वी क्षेत्र में बंद पड़े तीन यूरिया संयंत्रों को फिर से खोला गया है, यह यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर कदम है।” वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए सहायता के अलावा बिना लेदर वाले फुटवियर के लिए योजना है। 22 लाख रोजगार और 4 लाख करोड़ का कारोबार और 1.1 लाख करोड़ से ज्यादा निर्यात की उम्मीद है। इसके अलावा खिलौना निर्माण के लिए मेक इन इंडिया के तहत योजना शुरू की जाएगी। सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख की सीमा वाले विशेष अनुकूल क्रेडिट कार्ड शुरू किए जाएंगे।
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पहले वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे। स्टार्टअप के लिए एआईएप को 91 हजार करोड़ से ज्यादा सबमिशन मिले हैं। 10 हजार करोड़ का नया अंशदान किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, “इस बजट के माध्यम से सरकार का प्रयास है कि विकास में तेजी लाना, समावेशी विकास, निजी क्षेत्र का निवेश, घरेलू भावनाओं का उत्थान, भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ाना है। इसके अलावा एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी। एमएसएमई वर्गीकरण के लिए टर्नओवर सीमा दो गुना की जाएगी। इससे उन्हें आगे बढ़ने और हमारे युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का आत्मविश्वास मिलेगा।”
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वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई के लिए ऋण प्राप्ति को सुलभ बनाना है। इसके तहत सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए 5 करोड़ से 10 करोड़, अगले 5 वर्षों में 1.5 लाख करोड़ का अतिरिक्त ऋण। इसके अलावा उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख की सीमा वाले विशेष कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड्स की शुरुआत होगी। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र के लिए ऋण उपलब्ध कराने के कार्यों के लिए सरकार राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को समर्थन प्रदान करेगी। इसके अलावा स्टार्टअप्स के फंड के लिए नए फंड की स्थापना की जाएगी।
10,000 करोड़ रुपये के मौजूदा सरकारी योगदान के अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये का नया योगदान दिया जाएगा। 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पहली बार के उद्यमियों के लिए नई योजना शुरू की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि भारतीय डाक विभाग सार्वजनिक संगठन में बदला जाएगा। विश्वकर्माओं, महिलाओं, स्वसहायता समूह की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों आदि को क्रेडिट मिलता है। इसकी सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी जाएगी।