नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले ही महिलाओं को लेकर दिए गए अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली हो, अपने शब्द वापस ले लिए हो, लेकिन भाजपा के लिए यह मुद्दा फिलहाल खत्म होने नहीं जा रहा है।
एक मुख्यमंत्री विधान सभा के पटल पर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करें, इस मुद्दे को भाजपा जोर-शोर से उठा रही है। भाजपा ने इसे लेकर बुधवार को राजधानी दिल्ली में भी नीतीश कुमार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया, लेकिन अब इसके साथ ही भाजपा ने नीतीश कुमार की पहल पर बनाए गए विपक्षी गठबंधन के अन्य राजनीतिक दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
भाजपा नीतीश कुमार के बयान को लेकर अब सिर्फ बिहार के मुख्यमंत्री को ही निशाना नहीं बना रही है, बल्कि कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, डीएमके, सपा और आम आदमी पार्टी सहित विपक्षी गठबंधन में शामिल तमाम राजनीतिक दलों को भी कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही है और इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश के बयान पर विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए बुधवार को मध्य प्रदेश की एक चुनावी जनसभा में कहा, “आप में से जो अखबार पढ़ते होंगे, जो टीवी देखते होंगे, उन लोगों का ध्यान एक घटना की तरफ गया होगा। घमंडिया गठबंधन, इंडी अलायंस के एक बहुत बड़े नेता, जो इंडी अलायंस का झंडा लेकर घूम रहे हैं, जो देश की वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भांति-भांति के खेल खेल रहे हैं। इंडी अलायंस के उस नेता ने विधान सभा के अंदर, जिस सभा में माताएं-बहनें भी मौजूद थीं, वहां ऐसी भद्दी भाषा में बातें की, जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता है। कोई शर्म भी नहीं आई उनको।”
विपक्षी गठबंधन में शामिल अन्य दलों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “इंडी अलायंस का एक भी नेता माताओं-बहनों के इतने भयंकर अपमान के खिलाफ एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ।”
प्रधानमंत्री ने जनसभा में उपस्थित महिलाओं से पूछा, “जो माताओं-बहनों के प्रति इस तरह का दृष्टिकोण रखते हैं, क्या वह कभी भी माताओं का, बहनों का, महिलाओं का भला कर सकते हैं? क्या वे आपकी इज्जत बचा सकते हैं? आपका सम्मान कर सकते हैं? क्या वे आपका गौरव कर सकते हैं? कैसा दुर्भाग्य आया है देश का। कितने नीचे गिरोगे? ये दुनिया में देश की बेइज्जती कर रहे हैं।”